आमतौर पर हमारी यह सोच है कि विकसित देशों में महिलाओं को उनके कार्यस्थलों पर समानता का दर्जा प्राप्त है, पर यह मिथक भर है। विकसित देश हों या विकासशील, महिलाओं को लेकर कमोबेश सभी की सोच एक जैसी है। हाल ही में पोलैंड के एक सांसद ने वॉरसा यूरोपीय संसद में कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलना चाहिए, क्योंकि वे कमजोर होती हैं।' ब्रिटेन के बराबरी...
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बुनियादी बदलाव की राजनीति -- राजेन्द्र तिवारी
बिहार के लोग बधाई के पात्र हैं. उन्होंने शराबबंदी और नशाबंदी जैसे सामाजिक मुद्दे पर एकजुटता दिखा कर पूरी दुनिया और खासतौर पर देश के अन्य राज्यों को विशिष्ट संदेश दिया है. शराब जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ व्यापक स्तर पर लोगों को तैयार करने का श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है. नतीजा यह है कि शुरुआत में शराबबंदी का किसी-न-किसी बहाने विरोध करनेवाले लोगों को...
More »यह हिंसा विकास को रोकती है-- जयति घोष
भारतीय समाज में औरतों के खिलाफ जारी, बल्कि बढ़ती हुई हिंसा को लेकर चिंतित और भयभीत होने की कई सारी वजहें हैं। निस्संदेह, यह कोई नया लक्षण नहीं है, क्योंकि ऐसी हिंसा भारतीय समाज में ढांचागत और स्थानीय, दोनों रूपों में हमेशा से मौजूद रही है। हमें इस तरह की दलील भी सुनने को मिलती है कि इन दिनों ऐसी अनेक घटनाएं हमें इसलिए सुनने को मिल रही हैं, क्योंकि...
More »ढाई साल का ऐतिहासिक सफरनामा-- एम वेंकैया नायडू
यूपीए के एक दशक के दागदार शासन के बाद हमने शुरुआत की थी, तब से लेकर आज दुनिया की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में एक गिने जाने तक, यानी एनडीए-दो के ढाई साल के शासनकाल में भारत की तरक्की की कहानी कई परिवर्तनकारी कदमों के सहारे आगे बढ़ी है। इन कदमों ने न सिर्फ देश की छवि दुनिया भर में निखारी, बल्कि देश के नागरिकों के जीवन-स्तर...
More »ताकि लड़कियां हों लीडर --- सुजाता
अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य की पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण घटना कही जा सकती है अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव और उसमें भी डोनाल्ड ट्रंप की जीत. इसे राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर हिलेरी क्लिंटन की हार भी कही जा सकती है. राजनीतिज्ञ इसकी बारीकियों को बता सकते हैं और आनेवाले दिनों में विश्व राजनीति व अर्थव्यवस्था से जुड़ी भविष्यवाणियां भी कर सकते हैं. राष्ट्रपति के तौर पर नहीं, स्त्री के तौर...
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