आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...
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निरक्षर अब पंचायत के दरवाजे से बाहर-- सुभाष गताडे
भू टान, लीबिया, केन्या, नाईजीरिया और भारत इन देशों में क्या समानता है? वैसे, पहले उल्लेखित चारों देश- जहां जनतंत्र अभी ठीक से नहीं आ पाया है, कहीं राजशाही तो कहीं तानाशाही, तो कहीं जनतंत्र एवं अधिनायकवाद के बीच की यात्रा चलती रहती है- और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलानेवाले भारत की किस आधार पर तुलना की जा सकती है? पिछले दिनों आये हरियाणा विधानसभा के एक फैसले...
More »ग्रीस मॉडल पर भारी हमारा एक छोटा-सा राज्य - सईद नकवी
हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में पहले पन्ने पर छपी एक तस्वीर ने मेरा ध्यान खींचा। उसमें अगरतला में एक इंटरनेट गेटवे के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को त्रिपुरा के कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री माणिक सरकार के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाते दिखाया गया था। इस तस्वीर के साथ अखबार हमें सूचित कर रहा था कि अपराध-नियंत्रण के मामले में त्रिपुरा का रिकॉर्ड लाजवाब रहा...
More »खुशबू प्रकरण : बेबस मां ने कहा : हमें नहीं चाहिए कोई मदद
दुमका : जब मेरी बेटी ही नहीं रही तो अब मदद किस काम की. जब मदद की जरूरत थी, उस वक्त तो कोई नहीं आया. आज बेटी चली गयी, तो दु:ख तकलीफ देखने लोग आ रहे हैं. मदद की बात कह रहे हैं. अब न मदद चाहिए, न ही सरकारी शौचालय भी चाहिए. यह दो टूक जवाब खुशबू की मां संजू देवी ने मंत्री डॉ लोइस मरांडी व सांसद निशिकांत...
More »साक्षर भारत कार्यक्रम अब सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं- मदन जैड़ा
स्कूल नहीं जा पाने वाले किशोरों और पढ़ाई की उम्र पार कर चुके अन्य लोगों को साक्षर बनाने के लिए शुरू किए गए साक्षर भारत कार्यक्रम का रूप बदल गया है। अब यह सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक शिक्षा कार्यक्रम में तब्दील हो चुका है। इस कार्यक्रम में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी साक्षरता, विधिक साक्षरता, डिजिटल साक्षरता के बाद अब वित्तीय साक्षरता का विषय भी...
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