भारत में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीतिगत स्तर पर है. पर्यावरण को अगर नुकसान करना बंद कर दिया जाये, तो वह खुद ही सुधरना शुरू कर देता है. एक तरफ तो उसके नुकसान की प्रक्रिया जारी रहती है और साथ ही उसे बचाने की बात होती है. पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली नीतियों और परियोजनाओं पर रोक लगायी जाए. उसके बाद ही बचाने के बारे में सोचा जाए. नदी...
More »SEARCH RESULT
चिंता मतदाता के अधिकार की- कमलेश जैन
भारतीय गणतंत्र की विशाल जनसंख्या को, चुनावों के दौरान एक स्वच्छ, जनता की मर्जी से चुनी हुई सरकार बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्षों से ऐसे फैसले दिए हैं, जो लगातार चुनाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रहे हैं। इसी शृंखला में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने निर्देश दिया है कि अब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की ईमानदारी की जांच एक नहीं, बल्कि...
More »लैंगिक असमानता के विरुद्ध- डा. अनुज लुगुन
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के आगरा में संजली नाम की एक लड़की को जलाकर मार देने की दहला देनेवाली घटना हुई. अपराधियों ने न केवल बेरहमी से लड़की को जलाकर मार डाला, बल्कि उनके परिवार वालों को फोन पर धमकी भी दी. अपराधियों को यह दुस्साहस कहां से आता है? आमतौर पर हम यह स्वीकार नहीं करते हैं कि इस तरह की घटनाओं के पीछे स्त्रियों के बारे में समाज...
More »सक्रिय अदालत के बेमिसाल फैसले-- कमलेश जैन
इस साल अदालतों की सक्रियता खूब दिखी। ऐसे कई फैसले आए, जो ऐतिहासिक साबित हुए। इन फैसलों से यह खासतौर से लगा कि न्यायालय महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिलाने और समाज में फैली असमानता को दूर करने को लेकर काफी गंभीर है। हालांकि उसकी यह गंभीरता पहले भी कई बार दिखी है। जैसे, शीर्ष अदालत ने ही बलात्कार के मामलों में पीड़िता को दोषी मानने वाले प्रावधान खत्म...
More »मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल
मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...
More »