SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 224

ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 28 जुलाई दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) पृथ्वी का सबसे अहम सालभर होने वाला जलवायु उतार-चढ़ाव है। गर्म अल नीनो और ठंडे ला नीना चरणों के बीच अनियमित रूप से बदलाव करते हुए, यह समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव लाता है और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हवा और वर्षा के पैटर्न में गड़बड़ी पैदा करता है। अल नीनो के विपरीत, जो आम तौर पर एक वर्ष तक रहता है, ला...

More »

ठाणे में बढ़ते शहरीकरण के साथ बढ़ा बाढ़ का खतरा, 2050 तक 56 फीसदी बढ़ जाएगा शहरी जंगल

डाउन टू अर्थ, 20 जून   ठाणे में बढ़ता शहरीकरण अपने साथ नई समस्याएं भी साथ ला रहा है। इस बारे में मुंबई के वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि ठाणे में बढ़ते शहरी जंगल और मौसम की चरम घटनाओं के चलते बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। अध्ययन के नतीजे जर्नल ऑफ इंटीग्रेटेड डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट में प्रकाशित हुए हैं।  शोधकर्ताओं के...

More »

बांधों के निर्माण में तेजी के बावजूद जलाशयों में मौजूद पानी में आई है कमी, जानिए कौन है जिम्मेवार

डाउन टू अर्थ, 14 जून  भले ही पिछले 20 वर्षों में नए बांधों के निर्माण के चलते वैश्विक स्तर पर जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता में इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद जलाशयों में मौजूद पानी की मात्रा घट रही है। इसका मतलब है कि जल संसाधनों पर बढ़ते दबाव को दूर करने के लिए केवल ज्यादा से ज्यादा बांधों का निर्माण ही काफी नहीं है। यह जानकारी टेक्सास ए एंड...

More »

धरती के 40 प्रतिशत जंगलों के जलने व कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं 88 बड़े उद्योग, जानें कैसे?

डाउन टू अर्थ, 24 मई एक शोध के मुताबिक, पिछले 40 सालों में पश्चिमी अमेरिका और दक्षिण-पश्चिमी कनाडा में जंगल की आग से जले हुए लगभग 40 प्रतिशत जंगली इलाकों के लिए दुनिया के 88 सबसे बड़े उद्योग जिम्मेवार है। इन उद्योगों को जीवाश्म ईंधन और सीमेंट निर्माण से जुड़े कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। शोध में कहा गया है कि, तेल और गैस कंपनियां जलवायु परिवर्तन...

More »

वैश्विक अर्थव्यवस्था को 248 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा सकता है 2023 में बनने वाला अल नीनो

डाउन तू अर्थ , 20 मई वैज्ञानिकों के मुताबिक 2023 में बनने वाली अल नीनो की घटना न केवल इस साल नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि साथ ही इसका प्रभाव 2029 तक दर्ज किया जाएगा। रिसर्च से पता चला है कि इस अल नीनो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2029 तक 247.97 लाख करोड़ रुपए (तीन लाख करोड़ डॉलर) तक  का नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं यदि वैश्विक उत्सर्जन परिदृश्य को देखें...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close