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कूड़े के ढेर से रोटी का जुगाड़, वर्षों से झुग्गियों में कट रही जिंदगी

जनचौक, 22 जनवरी सर्द मौसम में हाड़ कंपाती ठंड में सुबह के छह बज रहे थे। मैली-कुचली साड़ी में एक अधेड़ महिला मोहल्ले की सड़कों के किनारे बिखरे कचरे में कुछ ढूंढ़ते नजर आती है। कुछ पल में ही यह समझ आ जाता है कि वह कचरों में से प्लास्टिक, बोतल, लोहा समेत कबाड़ के समान चुन रही है। एक डंडे के सहारे कचरों को फैलाकर अपने काम के सामान को...

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धंसते जोशीमठ से उठते सवाल, सरकारों ने पहाड़ी राज्य के हिसाब से नहीं बनाया विकास मॉडल

डाउन टू अर्थ, 16 जनवरी जोशीमठ में जो आज हो रहा है उसकी पठकथा तो कई सालों से लिखी जा रही थी, ये प्राकृतिक संसाधनों की लूट का खुला प्ररिणाम है। ये नाजुक परिस्थितिकीतंत्र के ऊपर आर्थिक तंत्र को तबज्जो देने का परिणाम है। हम सब जानते हैं कि हिमालय बहुत नाजुक पर्वतश्रृंखला है और इसका परिस्थितिकीतंत्र अतिसंवेदनशील है। हिमालय सम्पूर्ण दक्षिण एशिया के पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर सीधा असर...

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25 सालों से पौधे लगा रहे दिहाड़ी मजदूर कन्नन, कई बार काट दिए गए पेड़ फिर भी नहीं मानी हार

बेटर इंडिया, 13 जनवरी केरल के रहनेवाले सीसी कन्नन को बचपन से ही पौधे लगाने का बहुत शौक़ था। उन्होंने काफी छोटी उम्र से ही एर्नाकुलम में मौजूद अपने घर के चारों ओर फूल और सजावटी पौधे लगाने शुरू कर दिए थे और बचपन में शुरू हुआ पौधारोपण का वहा सिलसिला आज, 54 साल की उम्र तक कायम है। एक दिहाड़ी मजदूर कन्नन का कहना है, ”पौधे मुझे खुश रहने में मदद...

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उत्तराखंड: दरक रहे हैं हिमालय के सैकड़ों गांव

मोंगाबे हिंदी, 09 जनवरी उत्तराखंड के उत्तरकाशी से करीब बीस किलोमीटर दूर कठिन पहाड़ी पर बसा है एक छोटा सा गांव: ढासड़ा। कोई 200 लोगों की आबादी वाला ढासड़ा पिछले कई सालों से लगातार दरक रहा है। हालात ऐसे कि मॉनसून या खराब मौसम में यहां लोग रात को अपने घरों में नहीं सोते बल्कि गांव से कुछ किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर छानियां (प्लास्टिक के अस्थायी टैंट) लगा लेते हैं क्योंकि...

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जोशीमठ में आपदा से पहले चेतावनियों की अनदेखी

कार्बनकॉपी, 5 जनवरी उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले कुछ दिनों में इमारतों और सडकों में दरारें आईं हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर हटाने का काम जारी है। इसी बीच बुधवार की शाम आक्रोशित लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। जोशीमठ के लोग डरे हुए हैं क्योंकि यह एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र है जो सेस्मिक ज़ोन 5 में आता है। सवाल यह उठ रहे हैं कि जोशीमठ जैसे संवेदनशील हिमालयी भूभाग...

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