खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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बापू के पास है घायल लोकतंत्र की औषधि
जनचौक,02 अगस्त बड़ी संख्या में लोग मानने लगे हैं कि भारतीय लोकतंत्र एक संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं की कार्य शैलियाँ बदल रही हैं, कार्यकारिणी और न्यायपालिका के काम-काज में अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दखलंदाजी बढ़ती जा रही है। पाठ्यपुस्तकें बदली जा रही हैं और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है।...
More »पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में हुई हैं किसानों की सबसे अधिक आत्महत्याएं
गांव सवेरा,02 अगस्त हाल में किये गए एक सर्वे के मुताबिक सबसे अधिक आत्महत्याएं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में हुई है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के एक अध्ययन से पता चला है कि पंजाब के छह जिलों में साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या से 9,291 किसानों की मौत हुई है. सर्वेक्षण में शामिल जिलों में संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मानसा, मोगा और बरनाला शामिल हैं. सर्वेक्षण किए...
More »जयंती पर विशेष: वर्तमान में नहीं रही प्रेमचंद युग की पत्रकारिता
जनचौक, 31 जुलाई वाराणसी। प्रेमचंद जी कहते हैं कि समाज में ज़िन्दा रहने में जितनी कठिनाइयों का सामना लोग करेंगे उतना ही वहां गुनाह होगा। अगर समाज में लोग खुशहाल होंगे तो समाज में अच्छाई ज़्यादा होगी और समाज में गुनाह नहीं के बराबर होगा। प्रेमचन्द ने शोषित वर्ग के लोगों को उठाने का हर संभव प्रयास किया। उन्होंने आवाज़ लगाई ‘ए लोगों जब तुम्हें संसार में रहना है तो जिन्दों...
More »क्षेत्रपति वर्ग’ के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है मौजूदा दौर
जनचौक, 24 जुलाई भारत में ‘क्षेत्रपति वर्ग’ का उल्लेख वेदों में स्पष्ट रूप से मिलता है। यह वो वर्ग है जो भूमि स्वामी रहे। इस वर्ग में विभिन्न नस्ल जातियां धर्म और क्षेत्रों के लोग मूल रूप से भूमि से जुड़े कार्यों से जीवन यापन करते थे। जो मुख्यत: किसान थे। भौगोलिक क्षेत्र में कृषि कार्यों पर आधारित जीवन शैली ने क्षेत्रपति वर्ग का निर्माण किया! कृषि उद्योग ही जीवन पद्धति का मूल अंग रहा! क्षेत्रपति वर्ग में नस्ल जाति धर्म का कोई आधारगत वर्गीकरण...
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