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शासकीय नैतिकता का आख़िरी झीना पर्दा भी जाता रहा

-सत्यहिंदी,  जोसेफ स्टोरी की 200 साल पहले कही गयी बात सही साबित हो रही है। पार्टी में आ जाएँ तो सात खून माफ़ लेकिन सरकार के ख़िलाफ़ जाएँगे तो ‘देशद्रोह’। संदेश साफ़ है ‘पाला बदलो या सीबीआई को झेलो और जेल भोगो’। क्या इस सन्देश का तार्किक विस्तार यह नहीं हो सकता कि ‘हमारे ख़िलाफ़ होने का मतलब सीबीआई/ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट या इनकम टैक्स की चाबुक झेलने को तैयार रहो।  संविधान, क़ानून...

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यूपी में कोरोना से घुटती सांसे :13 दिन में तीन गुना बढ़ी ऑक्सीजन की मांग, 82 फीसदी जोखिम पर घरों में आइसोलेट

-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि कोविड और गैर कोविड मृतकों की अत्येंष्टि निशुल्क और सम्मान के साथ किया जाए। सरकार का यह निर्देश तब आया है जब पंचायत त्रिस्तरीय चुनावों के बाद गांवों में कोविड संक्रमण के मामलों और मृत्यु में बढोत्तरी का अंदेशा पैदा हो गया है। उत्तर प्रदेश में मृतकों की संख्या और ऑक्सीजन की मांग दोनों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश...

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“दलित हर देश और समाज में हैं”

-आउटलुक, “भारतीय विद्वान डॉ. सूरज येंग्ड़े और उनके मेंटॉर अफ्रीकी-अमेरिकी दार्शनिक और बौद्धिक प्रो. कॉर्नेल वेस्ट एक लंबी दलित-अश्वेत एकजुटता की परंपरा से आते हैं। यहां दोनों ने भावी आजादी, इसके संभावित आकार, ढांचे और रंग पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आउटलुक के सुनील मेनन के साथ वीडियो चर्चा में बी.आर. आंबेडकर और डू बॉयस जैसे राजनीतिक विचारकों के संबंधों के परिप्रेक्ष्य में हमने उन्हें अश्वेत जीवन के महत्व (ब्लैक...

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उर्वरकों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी पर इफको की भयंकर लीपापोती

-असली भारत, ऐसे समय जब देश में किसान आंदोलन चल रहा है, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं, तब खेती से जुड़ी एक खबर ने किसानों की नाराजगी बढ़ा दी है। उर्वरक बनाने वाले देश के सबसे बड़े संगठन इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने डीएपी समेत कई उर्वरकों के दाम 45 फीसदी से लेकर 58 फीसदी तक बढ़ा दिये हैं।...

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बात बोलेगी: कश्मीर में बैठ के कश्मीर को समझने का अहसास-ए-गुनाह

-जनपथ, जीने का सुभीता तलाशने की आदिम और अभिनव प्रवृत्ति के चलते मनुष्य बना और बचा रहता है। स्वाभिमान, सम्मान और इज्ज़त-प्रतिष्ठा सब खाये-अघाये लोगों के शगल हैं। ज़रूरी बात है जीना और जब जिस तरह जीना संभव हो उस तरह जीना और खुद को लंबे समय तक बचाए रखना। यह लंबा समय कितना भी लंबा हो सकता है। आखिर प्रतीक्षा करना भी उतना ही आदिम और अभिनव स्वभाव है। हमें दूर...

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