-आउटलुक, “डबल इंजन सरकार में शिक्षा और काम की तलाश में दूसरे राज्य जाने वालों की रफ्तार और बढ़ी” देश सिर्फ नई दिल्ली में नहीं बन सकता। विकास के पैमानों पर बिहार का लगातार निचले पायदान पर होना सामूहिक राष्ट्रीय बेचैनी का विषय होना चाहिए। दुर्भाग्यवश सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट का केंद्र सरकार के नीतिगत दृष्टिकोण और बिहार सरकार पर कोई असर नहीं दिखता है। इस रिपोर्ट में सभी...
More »SEARCH RESULT
यूपी: मार्च 2017 से अब तक दोगुनी हुई बेरोजगारी दर
-इंडियास्पेंड, उत्तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके साथ ही बुनियादी जरूरतों से जुड़े मुद्दों पर भी बात हो रही है। हाल फिलहाल में 'यूपी में बेरोजगारी' के मुद्दे पर खूब बात हो रही है। बड़ी संख्या में युवा और बेरोजगार प्रदेश के अलग-अलग जिलों से निकलकर राजधानी लखनऊ में डेरा डाल रहे हैं। इनकी मांगें अलग-अलग जरूर हैं, लेकिन उम्मीद एक सी है, एक अदद रोजगार...
More »नवीनतम एनएफएचएस डेटा: कुल प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति के बीच केरल और तमिलनाडु अपवाद बनकर उभरे!
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी होने के बाद, मीडिया टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों ने लिखा है कि भारत के लिए कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता से नीचे चली गई है. साल 2015-16 में पूरे देश का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 थी, जो 2019-21 में घटकर 2.0 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता तब...
More »भारत में कुपोषण का संकट और गहराया, देशभर में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित
-न्यूजलॉन्ड्री, कुपोषण भारत की गम्भीरतम समस्याओं में एक है फिर भी इस समस्या पर सबसे कम ध्यान दिया गया है. आज भारत में दुनिया के सबसे अधिक अविकसित (4.66 करोड़) और कमजोर (2.55 करोड़) बच्चे मौजूद हैं. इसकी वजह से देश पर बीमारियों का बोझ बहुत ज्यादा है, हालांकि राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़े बताते है कि देश में कुपोषण की दर घटी है लेकिन न्यूनतम आमदनी वर्ग वाले परिवारों...
More »आत्महत्याओं पर एनसीआरबी डेटा को सावधानी के साथ समझना
पिछले वर्षों की तुलना में 2020 के दौरान भारत में आत्महत्याओं की कुल संख्या में वृद्धि हाल ही में सुर्खियों में रही है. जबकि कुछ मीडिया टिप्पणीकारों ने कहा है कि 2020 में आर्थिक संकट (नौकरी छूटने, आय में कमी, व्यवसाय में विफलता और बढ़ती भूख, अन्य कारणों के अलावा) के कारण अधिक आत्महत्याएं हो सकती हैं, अन्य ने कहा है कि घर में अलगाव और बिगड़ती मानसिक स्वास्थ्य स्थिति...
More »