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किसान नेताओं ने कहा- नोटबंदी से हर एकड़ पर 50 हजार रुपये तक का नुकसान

नोटबंदी के चलते कृषि क्षेत्र पर तगड़ी मार पड़ी है और वह अब तक इससे उबर नहीं पाया है। कृषि संगठनों से जुड़े नेताओं का कहना है कि फल और सब्‍जी उपजाने वाले किसानों को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। मांग की जा रही है कि बजट में किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए योजना का ऐलान किया जाए। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने बताया,...

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नोटबंदी में सहकारी बैंकों ने कालेधन को किया सफेद: आयकर विभाग

आयकर विभाग ने देशभर में सहकारी बैंकों के कामकाज के तरीके पर गंभीर चिंता जताई है। विभाग ने दावा किया कि सहकारी बैंकों ने नोटबंदी को कालेधन को सफेद करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। विभाग की एक विश्लेषण रिपोर्ट में कहा गया है कि कर अधिकारियों ने पाया कि 8 नवंबर के बाद ये बैंक कालेधन के सृजन और उसे ठिकाने लगाने में अभूतपूर्व स्तर पर लगे हुए...

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बैंक 40 फीसदी नकदी ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचाएं

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंकों से 40 फीसदी नकदी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजने को कहा है। इसमें 500 रुपये से कम मूल्य के छोटे नोट होंगे। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि अभी जितनी नकदी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जा रही है, वह आबादी की मांग के हिसाब से कम है। उसने कहा कि करेंसी चेस्ट से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों, जिला सहकारी बैंकों...

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एक महीने 10 दिन में ही 100 फीसदी कर ली धान खरीदी

बिलासपुर, नईदुनिया न्यूज। प्रदेश में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के मार्फत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। बीते वर्ष की तुलना में इस साल 24 दिसंबर तक हुई धान खरीदी में भारी अंतर है। नईदुनिया के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार राज्य के 30 उपार्जन केंद्रों में 100 फीसद से ज्यादा धान की खरीदी हुई है। जबकि अभी खरीदी...

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आज तो आजिज हैं सब गरीब! - मृण्‍ााल पांडे

दु:ख, असहायता और राज-समाज के उत्पीड़न से भारतीय गरीबों का इतनी सदियों से रिश्ता रहा है कि वे अक्सर उसे खामोशी से सहते रहते हैं। पर हमारे यहां जनता की अनसुनी मूक व्यथा को स्वर देने वाले जनकवियों की वाल्मीकि से लेकर बाबा नागार्जुन तक एक लंबी परंपरा भी है, जिसमें नज़ीर अकबराबादी भी आते हैं। मध्यकाल में जब दिल्ली की बादशाहत उजड़ रही थी और जनता जाट, रुहेले, मराठा...

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