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दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद

2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...

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वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फसल चक्र बदलने की जरूरत

  हाल के समय में उत्तर भारत और विशेषकर दिल्ली एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है। अक्टूबर-नवंबर में हवा की गुणवत्ता न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों में इसका बड़ा कारण पराली ( धान फसल के ठंडल) जलाना बताया गया है, और इससे दिल्ली और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) की वेबसाइट...

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भारत का संप्रभु बॉन्ड से पैसा जुटाने का फैसला काफी जोख़िम भरा है- एम के वेणु

ज्यादातर आर्थिक विशेषज्ञों ने घरेलू कल्याण और विकास कार्यक्रमों के वास्ते पैसा जुटाने के लिए विदेशों से डॉलर में कर्ज लेने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में आवाज उठाई है. यह पहली बार है कि कोई सरकार राजकोषीय घाटे के डॉलरीकरण का काम कर रही है. इसके पक्ष में दलील यह दी जा रही है कि इससे सरकार के ऋण-आधार का विस्तार होगा और चूंकि सरकार अपने कर्जे का...

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10 फीसदी आरक्षण: तेजी से घट रही है सरकारी विभाग, बैंकों में नौकरियां

नई दिल्ली: रोजगार की संभावनाओं के संदर्भ में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों को केंद्र सरकार में घटती नौकरियों की समस्या का समाना करना पड़ सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), यहां तक कि बैंक में भी लगातार नौकरियां कम हो रही हैं. कार्मिक...

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सरकार-रिजर्व बैंक की रस्साकशी - विवेक कौल

भारतीय रिजर्व बैंकऔर भारत सरकार के बीच चल रही रस्साकशी धीरे-धीरे बाहर आ रही है। सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच थोड़ा-बहुत टकराव सिस्टम के लिए अच्छा होता है। मसलन, हर सरकार यह चाहती है कि ब्याज दरें कम से कम हों क्योंकि कम ब्याज दरों पर लोग जमकर कर्ज लेंगे और इससे अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी, लेकिन सरकारें यह जरूरी बात या तो भूल जाती हैं या फिर उसकी...

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