चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »SEARCH RESULT
उपेक्षा की मार झेल रहा एक जिला-- योगेन्द्र यादव
पिछले सप्ताह से यह सवाल मेरे मन में बार-बार घूम रहा है. पिछले सप्ताह नीति आयोग ने देश के सबसे पिछड़े 101 जिलों की सूची जारी की. इस सूची में सबसे ऊपर यानी देश का सबसे पिछड़ा जिला होने का श्रेय हरियाणा के मेवात जिले को जाता है (आजकल इसका सरकारी नाम जिला मुख्यालय के नाम पर नुहू कर दिया गया है). बिहार के अररिया, छत्तीसगढ़ के सुकमा, उत्तर प्रदेश...
More »पहला हक बिहार का है- मोहन गुरुस्वामी
मारी संसद इस सत्र में भी नहीं चल सकी. इस बार इसकी वजह यह मांग रही कि विभाजन के बाद के शेष बचे आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिया जाये. बिहार के लिए भी काफी दिनों से ऐसी ही मांग की जा रही है, जिसकी स्थिति आंध्र प्रदेश से बहुत भिन्न है. किसी राज्य को विशेष दर्जा देने की अवधारणा देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच समानता लाने के लिए...
More »ताकि अगली पीढ़ी को भी पानी मिले-- एम वेंकैया नायडू
ब्रिटिश कवि सैम्युअल टेलर कॉलरिज की कविता द राइम ऑफ द एनसिएंट मरीनर में एक पंक्ति है वाटर, वाटर एव्रीवेयर, नॉर एनी ड्रॉप टु ड्रिंक यानी पानी तो हर जगह है, पर एक बूंद भी पीने के काबिल नहीं। करीब दो सदी पहले इन शब्दों को रचते हुए सैम्युअल क्या आने वाले वर्षों की भविष्यवाणी कर रहे थे? क्या वह जाने-अनजाने उस जल संकट का कयास लगा रहे...
More »अर्थव्यवस्था सुधारने का मौका-- हिमांशु
आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2019 का बजट लेखानुदान होगा। हालांकि मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 2019 में चुनावी नतीजा किस करवट बैठता है? इसका मतलब यह है कि आगामी बजट महज इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे अर्थव्यवस्था को कौन-सी दिशा मिलती है, बल्कि...
More »