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अपने मुंह मियां मिट्ठू नहीं बन पाएंगे ग्राम प्रधान

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] में ग्राम प्रधान अब 'अपने मुंह मियां मिट्ठू' नहीं बन पाएंगे। सोशल ऑडिट से प्रधानों को अलग रखा जाएगा। सरकार इस दिशा में जल्दी ही नए दिशा-निर्देश जारी करने वाली है। केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद [सीईजीसी] द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद सरकार ने नियमों में संशोधन का फैसला किया है। मनरेगा के काम...

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बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर

  16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...

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अररिया के सामाजिक अंकेक्षण में भ्रष्टाचार का खुलासा

आखिरकार बिहार ने कर दिखाया। बिहार में सफल सामाजिक अंकेक्षण का यह काम हुआ अररिया जिले के जमुआ पंचायत में और वह भी तब, जबकि जोर-जबर्दस्त भी हुई और धमकी भी बदस्तूर दी गई। तकरीबन दो हजार ग्रामीणों ने निर्भय होकर इस अंकेक्षण में भाग लिया और अधिकारियों, नागरिक संगठन के नुमाइन्दों के सामने अपनी बात ऱखी। इस सामाजिक अंकेक्षण से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। पंचायत के रिकार्डों से झूठे मस्टररोल और...

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दागी संभाल रहे गांवों की जिम्मेवारी

नरेन्द्र शर्मा, जयपुर : गांवों की सरकार के नाम से पहचानी जाने वाली पंचायतीराज संस्थाओं में विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं में दागी के तौर पर 1355 सरपंच और प्रधान के नाम सामने आए हैं। इनमें से 158 को राज्य सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव से ठीक पहले क्लीनचिट दे दी है। प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की घोषणा सोमवार को होने की उम्मीद है। चुनाव की घोषणा से ठीक पहले इस तरह से...

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नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच

सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।   कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...

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