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जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में नए वायरस आ रहे हैं सामने, संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा

डाउन टू अर्थ, 02 मई वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु में बदलाव, विशेष रूप से तापमान और नमी में बदलाव, कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश और दूसरी जगहों में सूखे जैसी घटनाओं के कारण संक्रामक रोगों के फैलने में वृद्धि होगी। भारत के कई हिस्सों में एच2एन3, एडिनोवायरस और स्वाइन फ्लू सहित सांस संबंधी संक्रमणों में हालिया वृद्धि से चिंता बढ़ गई है। हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि इस सब के...

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जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

 मोंगाबे हिंदी , 28 अप्रैल जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट) में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट को क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई/XDI) ने तैयार किया है। यह संगठन भौतिक जलवायु जोखिम के विश्लेषण में माहिर हैं। इसने दुनिया भर में 2,600...

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जलवायु परिवर्तन और बांधों के कारण पिछले चार दशकों में तेजी से बदली नदियों की सीमा

डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल पृथ्वी की सतह पर सबसे अधिक बदलाव नदियों की सीमा में होता है। हाल के दशकों में इसमें बहुत भारी बदलाव देखे गए हैं। मोटे तौर पर इस बदलाव के लिए नदियों के प्राकृतिक संतुलन को लोगों द्वारा बिगाड़ने एवं जलवायु परिवर्तन को जिम्मेवार माना जा रहा है। इन बदलावों के पीछे और क्या-क्या कारण हैं? इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज...

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बंजर होता भारत -एक: 30 प्रतिशत जमीन पर नहीं उग रहा अनाज का एक भी दाना

डाउन टू अर्थ, 12 अप्रैल हर साल मॉनसून के दौरान हेमंत वामन चौरे को एक विकट समस्या का सामना करना पड़ता है। एक तरफ वह चाहते हैं कि बारिश आए, ताकि उनकी फसलों को पानी मिल सके। लेकिन, दूसरी तरफ वह इससे डरे हुए भी रहते हैं क्योंकि बरसात की रिमझिम फुहार भर से उनके खेतों में लगी पौध बर्बाद हो सकती है। महाराष्ट्र के धुले जिले में स्थित सकरी ब्लॉक...

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रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा क्लोरोफ्लोरोकार्बन, ओजोन को कर सकता है कमजोर

डाउन टू अर्थ, 06 अप्रैल  धरती को सूर्य से बचाने वाली ओजोन परत को कमजोर करने वाली क्लोरोफ्लोरोकार्बन पर दुनिया भर में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि कुछ मानव निर्मित क्लोरोफ्लोरोकार्बन रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है। जलवायु में बदलाव करने वाला यह उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है। अध्ययन के अनुसार, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत प्रतिबंधित होने के बावजूद, पांच क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) 2010 से 2020 तक...

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