SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 15201

दुनिया भर की जलवायु पर असर डाल रहा है तिब्बती पठार की मिट्टी का तापमान

डाउन टू अर्थ, 05 मई मौसम का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। प्राकृतिक प्रणालियां इतनी जटिल हैं कि, सबसे उन्नत तकनीक से भी मौसम विज्ञानी 10 दिनों से अधिक का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं। इसलिए भविष्य में महीनों और ऋतुओं के बारे में पूर्वानुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है। फिर भी यह जलवायु विज्ञान के बढ़ते क्षेत्र पर गौर करते है जो 1980 के दशक में गंभीरता से शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत...

More »

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं आंध्र प्रदेश की महिला किसान

इंडियास्पेंड, 3 मई एक नीम के पेड़ की छाया में अपने छोटे से एक कमरे के घर के सामने पी. मैरी अपने छह महीने के जुड़वां पोते को दुलारती हैं। जैसे ही गर्मी कम होती है और हवा चलती है, मैरी अपने पति मनोहर और सबसे छोटी बेटी श्रीलेखा के साथ पास की एक एकड़ भूमि पर चली जाती हैं। उस जमीन पर उन्होंने एक सप्ताह पहले ही केले की खेती...

More »

पश्चिम बंगाल में केंद्र व राज्य के बीच तनातनी का खामियाजा भुगत रहे मनरेगा मजदूर

डाउन टू अर्थ, 3 मई  पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बेलमा गांव की 45 वर्षीय जयगुन बीबी की ईद इस बार हमेशा की तरह अच्छी नहीं मनी। वह अपना दर्द बयां करती हैं, “हमारे गांव में जून 2022 से ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत मिलने वाला काम बंद है। इस वजह से घर में अब एक पाई भी नहीं बची है। आय का इकलौता...

More »

जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में नए वायरस आ रहे हैं सामने, संक्रामक रोगों का बढ़ा खतरा

डाउन टू अर्थ, 02 मई वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु में बदलाव, विशेष रूप से तापमान और नमी में बदलाव, कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश और दूसरी जगहों में सूखे जैसी घटनाओं के कारण संक्रामक रोगों के फैलने में वृद्धि होगी। भारत के कई हिस्सों में एच2एन3, एडिनोवायरस और स्वाइन फ्लू सहित सांस संबंधी संक्रमणों में हालिया वृद्धि से चिंता बढ़ गई है। हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि इस सब के...

More »

हलमा: सामुदायिक भागीदारी से सूखे का हल निकालते झाबुआ के आदिवासी

मोंगाबे हिंदी, 02 मई मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सूखे पहाड़ गर्मी की शुरुआत में ही आग उगल रहे हैं। साढ़ गांव की बाड़ी बोदरी फलिया की एक बेहद जर्जर झोपड़ी में 12 साल की गली अपने से छोटे दो भाई-बहनों के लिए चूल्हे पर रोटी सेक रही है। गली, संता और केतन के माता-पिता दिवाली पर मजदूरी के लिए गए थे। तब से वापस नहीं लौटे हैं। पड़ोस में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close