धान की बुवाई का काम तेज, दलहन बोने के लिए भी सही जल्दी मानसून आने से खरीफ की फसलों जैसे धान, दलहन और तिलहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कहा है कि जल्दी मानसून के चलते कृषि क्षेत्र की उत्पादकता ऐसे समय में बढ़ेगी, जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। मानसून पूरे देश में करीब एक माह पहले ही सक्रिय हो चुका है। देश में सामान्य...
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'भूखे मरने से अच्छा है कीड़े-मकोड़े खाएं'
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र ने भुखमरी से निपटने के लिए कुछ नए विकल्प पेश किए हैं। ये पौष्टिक भी हैं और पर्यावरण संरक्षण में मददगार भी। हो सकता है कि ये आपके इर्द-गिर्द रेंग या उड़ रहे हों। बात कीड़े-मकोड़ों की ही हो रही है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने सोमवार को जारी एक शोध रपट में कहा है कि चीटियां, टिड्डे और अन्य कीड़े-मकोड़े ऐसे खाद्य...
More »मजदूर के संघर्ष का प्रतीक- सिद्धेश्वर शुक्ला
सन् 1991 के बाद देश में आर्थिक सुधार के नाम पर बेतहाशा उदारीकरण की जो नीति अपनायी गयी, उसे सत्ता पक्ष और प्रमुख विपक्ष ने बड़ी मजबूती से केंद्र व राज्यों में लागू किया. उदारीकरण के दुष्परिणाम आज हमारे सामने हैं. उदारीकरण की नीतियों की वजह से न सिर्फ मजदूरों को नुकसान हुआ है, बल्कि परंपरागत उद्योग और कृषि बुरी तरह से चौपट होकर रह गये हैं. आज देश एक...
More »सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?
भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...
More »चालू सीजन में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन संभव
देश में कपास का उत्पादन पहले अनुमान से 2.75 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कम रहने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई ) के अनुसार चालू वर्ष 2012-13 में देश में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन होने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी तक 294.25 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। सीएआई के अध्यक्ष डी. एन. सेठ के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश...
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