बीस साल बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार एक मंच पर। कुशासन और सुशासन का मेल! क्या ऐसा हो सकता है? शायद इसीलिए राजनीति को संभावनाओं का खेल कहते हैं। राजनीति में वह भी संभव हो जाता है, जो जीवन के दूसरे हिस्सों में असंभव लगता है। सवाल यह नहीं है कि कौन किससे मिला। सवाल इस बात का है कि इस मेल का नतीजा (चुनाव परिणाम की बात...
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गंगा योजना के विरोधाभास- अनिल प्रकाश
जनसत्ता 19 जुलाई, 2014 : केंद्र की नई सरकार के तीन-तीन मंत्रालय गंगा नदी से जुड़ी समस्याओं पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी, राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व-काल में, गंगा सफाई योजना पर बड़े शोर-शराबे के साथ काम शुरू हुआ था। गंगा ऐक्शन प्लान बना। मनमोहन सिंह सरकार ने तो गंगा को राष्ट्रीय नदी ही घोषित कर दिया। मानो पहले यह राष्ट्रीय नदी न रही हो। अब तक लगभग बीस...
More »हम गंदा न करें तो साफ ही है गंगा - अनिल प्रकाश
केंद्र की नई सरकार ने गंगा नदी से जुडी समस्याओं पर काम करने का फैसला किया है। तीन-तीन मंत्रालय इस पर सक्रिय हुए हैं। एक बार पहले भी राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में गंगा की सफाई की योजना पर बड़े शोर-शराबे के साथ काम शुरू हुआ था। गंगा एक्शन प्लान बनाया गया था। मनमोहन सिंह सरकार ने भी गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कर दिया। लेकिन अब तक लगभग...
More »जल प्रबंधन से बन गयी अंतरराष्ट्रीय पहचान- राहुल सिंह
वे अखबार नहीं पढ़ सकते. दो-चार पांच पंक्तियां लिख नहीं सकते. अगर कोई सामान्य बात भी लिखवाना हो तो किसी दूसरे की मदद लेते हैं. किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेते हैं या एकाध टूटी-फूटी पंक्ति लिख लेते हैं. लेकिन उन पर दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालय कैंब्रिज के छात्र भी शोध करते हैं. अपनी पीएचडी की थिसिस में उनके कार्यो व पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास के लिए उनके...
More »जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया
हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...
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