लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि यदि गोदामों में रखा गेहूं सड़ता है तो उसकी भरपाई सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के वेतन से की जाए। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि उत्तर प्रदेश गरीब राज्य है। लोगो को दो वक्त की रोटी नसीब तक नही है, लेकिन सरकार को न तो गेहूं के जलने की फिक्र है...
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जानिए आम ने कैसे बदल डाली 900 परिवारों की तकदीर- त्रिलोकी/ गणपत
गुमला. कल तक आर्थिक संकट से जूझ रही गुमला प्रखंड के पसंगा गांव की 50 वर्षीय एतवारी देवी आज खुश है। खुशी की वजह आम की बेहतर पैदावार और उससे मिल रहा लाभ है। एतवारी की तरह गुमला जिले के 900 गरीब आदिवासी महिला पुरुष भी खुश हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति आज सुधर गई है। यह सब संभव हुआ है आम की खेती से। जिले के पालकोट, घाघरा, गुमला व रायडीह...
More »यही हालात रहे तो सड़ जाएगा गेहूं
सोनीपत. किसानों ने अथक प्रयास किया और प्रकृति ने साथ दिया। इससे गेहूं की बंपर पैदावार हुई। सरकारी एजेंसियों ने खरीद भी की। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार करीब 32 फीसदी अधिक गेहूं खरीदा गया। इससे सरकारी गोदाम ही नहीं खुले में गेहूं रखने के लिए बनाए गए स्टॉक सेंटर फुल होने से जिले की मंडियों में भी खुले में लाखों टन गेहूं स्टोर किया गया है, लेकिन...
More »बर्बादी की वजह बनते बीज- जाहिद खान
बीज खेती की बुनियाद है और अच्छे बीज, अच्छी खेती की जमानत। पर ये बीज ही आज किसानों को खून के आंसू रूला रहे हैं। हाल के सालों में ऐसे कई मामले सामने निकलकर आए हैं, जब बीज किसानों की बर्बादी की वजह बने। किसान अधिक पैदावार की लालच में संकर और जीएम बीजों का इस्तेमाल करते हैं और बाद में सिर्फ छले जाते हैं। हैरत की बात यह है...
More »किसानों की फिक्र (संपादकीय- दैनिक भास्कर)
जमीन पर कब्जा एक बड़ा मुद्दा है। भूमि अधिग्रहण का सवाल भारत में सामाजिक तनाव की खास वजह बना हुआ है। इस मुद्दे ने विकास की नीति एवं योजनाओं के लिए गंभीर चुनौती पैदा की है। समस्या इसलिए ज्यादा गंभीर है, क्योंकि जमीन का सीधा संबंध अनाज की पैदावार से है। खेती की जमीन का अन्य तरह का उपयोग खाद्य सुरक्षा की कीमत पर ही होता है। खबरों के मुताबिक वर्ष 2000 और...
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