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कमजोर वर्ग के बच्‍चों की श्रेणी कैसे बदल सकता है स्कूलः हाई कोर्ट

नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों की श्रेणी सामान्य में बदलकर उन्हें फीस देने पर ही दाखिला लेने पर मजबूर करने की बात संज्ञान में आने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया। दो डीएवी पब्लिक स्कूल के खिलाफ दायर याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि कैसे एक निजी...

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नोटबंदी और GST दोनों जल्दबाजी भरे कदम : रघुराम राजन

न्यूयॉर्क। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत सरकार द्वारा नवंबर, 2016 में नोटबंदी और पिछले वर्ष लागू किए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के फैसलों को जल्दबाजी भरा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले आरबीआइ के गवर्नर के तौर पर उन्होंने सरकार को राय दी थी कि यह अच्छा विचार नहीं था। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि नोटबंदी का...

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शिक्षक को मजबूर बनाती व्यवस्था-- मनीषा सिंह

हमारे समाज में शिक्षक काफी सम्मान का पात्र समझा जाता रहा है। देश की भावी पीढ़ी या भविष्य कहलाने वाले बच्चों और अंतत: समाज को शिक्षा व सही दिशा-निर्देश देने की शिक्षक की भूमिका में तो अब भी कोई बदलाव नहीं हुआ है, पर आधुनिक व्यवस्था में वह समाज के सबसे निरीह प्राणी के रूप में देखा जाने लगा है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि शिक्षक के रूप...

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बुजुर्गों के आंसू-- अतुल कनक

सदियों से हमारे यहां मातृशक्ति की पूजा और सम्मान की परंपरा पर गर्व किया जाता रहा है। लेकिन कुछ दिन पहले एक ऐसी घटना घटी कि मैं भीतर तक दहल गया। एक परिचित बुजुर्ग महिला अचानक करीब दो सौ किलोमीटर का सफर तय करके बदहवास हालत में अपने एक रिश्तेदार के घर पहुंची। वह बुरी तरह से दहली हुई थी। सड़सठ वर्ष की उम्र में उन्हें उनके इकलौते जवान पुत्र...

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अस्मिता की राजनीति से परे-- मणींद्र नाथ ठाकुर

भारतीय जनतंत्र में अस्मिता की राजनीति का प्रभाव काफी समय से रहा है. पिछले कुछ वर्षों में ऐसा लगने लगा था कि शायद इसका युग अब समाप्त हो जायेगा. लेकिन अब इसके विकृत रूप के उभार की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं.     बिहार-बंगाल में दंगे, राजपूती शान के नाम पर पद्मावत फिल्म के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन, आरक्षण के लिए विभिन्न जातियों का आंदोलन, दलितों का राष्ट्रव्यापी बंद और राष्ट्रवाद व धर्म...

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