लुधियाना. स्वाइन फ्लू ने जता दिया है कि आम मरीज का सरकारी अस्पतालों पर कितना विश्वास है। थोड़ा बहुत खर्च करने की हैसियत रखने वाला पीड़ित भी अस्पताल में दाखिल होने को राजी नहीं। ऐसा डेंगू सीजन में भी हुआ था। तब फ्री इलाज व टेस्ट का ऐलान भी मरीजों को सरकारी अस्पताल तक नहीं खींच पाया था। अब स्वाइन फ्लू फैलने पर सरकार मरीजों को आकर्षित करने के लिए सिविल अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के...
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डाक सेवक बना रहे हैं राष्ट्रीय सूचकांक
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के चुनिंदा गांवों में डाक कर्मचारियों ने अब खेतों और दुकानों से खाद्य और अखाद्य वस्तुओं के भाव एकत्रित करना आरंभ कर दिया है। पिछले तीन माह से क्रम लगातार जारी है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां से भेजे जाने वाले आंकड़ों से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना की जाती है। केंद्र सरकार ने गांवों-कस्बों में उत्पादों के असल मूल्य जानने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार...
More »समेकित कृषि प्रणाली अपनाएं किसान
पटना सूबे की आबादी बढ़ रही है, पर जमीन का रकबा नहीं बढ़ाया जा सकता है। परिवार बंटने से जमीन की जोत घट रही है। ऐसी स्थिति में कम जमीन में अधिक पैदावार की तकनीक अपनाने की जरूरत है। इसके लिए एक एकड़ में एक परिवार के जीविकोपार्जन के लिए समेकित कृषि प्रणाली का तरीका निकाला गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को किसानों से भरे श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में ये...
More »बनी रहती है सेब में लाली व चाय में हरियाली
मुजफ्फरपुर रासायनिक खाद के उपयोग से पीछे हट रहे किसानों को भले ही जैविक उर्वरक से की गयी खेती रास न आ रही हो,पर मुजफ्फरपुर में निर्मित जैविक खाद से भारत के कई राज्यों के संतरे, चाय व सेब के बागों में हरियाली बनी रहती है.दूसरे राज्यों में खाद की आपूर्तिमिट्टी के लिए हानिरहित होने के कारण केवल चाय, सेब व संतरे की फसलों में ही नहीं, बल्कि औषधीय फ़ार्मो में भी इसका व्यापक पैमाने...
More »स्वयं सहायता समूहों ने छीना बच्चों का निवाला
झाबुआ/भोपाल। आदिवासी अंचल झाबुआ जिले की अधिकांश स्कूलों से बच्चे भूखे लौट रहे हैं। उन्हें स्वयं सहायता समूहों की गड़बड़ियों के चलते भूखा लौटना पड़ रहा है। गांव के स्वयं सहायता समूहों पर दबंगों का कब्जा है और मध्याह्नं भोजन योजना दबंगों के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है। मध्याह्नं भोजन में विसंगति में नया तथ्य यह है कि जो शिक्षक मध्याह्नं भोजन न मिलने का या अमानक भोजन...
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