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अब अस्पतालों में दवाओं की कमी, सिर्फ 15 दिनों की दवा

पटना: राज्य के सरकारी अस्पतालों में भरती या इलाज करानेवाले मरीजों को अगले 15 दिनों के बाद अपने पैसे से दवाएं खरीदने की नौबत आनेवाली है. सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) तक में दवाओं का स्टॉक खत्म होने को है. अस्पतालों को दवा की आपूर्ति करनेवाली बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) के गोदाम में भी दवाओं की कमी का असर दिखने लगा है....

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दवा घोटाला: छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री घेरे में

पटना: दवा घोटाले में छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों से भी पूछताछ की जायेगी. इनमें शकुनी चौधरी, डॉ शकील अहमद, अब्दुल बारी सिद्दीकी, चंद्रमोहन राय, नंदकिशोर यादव व अश्विनी चौबे शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने सोमवार को कहा कि 2000 से अब तक के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के कार्यकाल में दवा खरीद की जांच होगी. ये सभी लोग 2000 के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. सूत्रों की मानें,...

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डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य

बीते 20 अगस्त को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में महत्वाकांक्षी ‘डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी. सरकार ने कहा है कि यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए निर्धारित किया गया है. डिजिटल इंडिया की प्रकृति रूपांतरकारी है व इससे सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों. आज के नॉलेज में पेश है...

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दवा घोटाला: सरकार ने माना,ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से खरीदीं दवाएं

पटना: स्वास्थ्य विभाग ने इस साल जनवरी से सितंबर तक हुई 60.63 करोड़ की दवा खरीद में 14.4 करोड़ की गड़बड़ी मानी है. इसको लेकर बीएमएसआइसीएल के एमडी प्रवीण किशोर, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार समेत 10 अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. इनमें परचेज कमेटी के नौ सदस्य शामिल हैं. तीन ब्लैकलिस्टेड कंपनियों में से दो मेडी पॉल (11.24 करोड़) व लेवोरट (8.36 करोड़) से दवा खरीदी गयी...

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बिहार के 51 प्रतिशत घरों में मोबाइल, 23 प्रतिशत में टॉयलेट

पटना। पिछले हफ्ते जनगणना आंकड़ों से संबंधित रिपोर्ट जारी होने के बाद जानकारी प्राप्‍त हुई है कि बिहार के 51.6 घरों में कम से कम एक मोबाइल फोन है और 23 प्रतिशत घरों में टॉयलेट उपलब्‍ध है। उपलब्‍ध टॉयलेट में 69 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में और 17.6 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में हैं। इस संबंध में थिंक टैंक के डायरेक्‍टर डीएम दिवाकर और इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल स्‍टडीज के एएन सिन्‍हा का...

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