कदम - पीडीएस कम्प्यूटरीकरण के लिए 16 राज्यों को पहली किश्त जारी लाभ कंप्यूटरीकृत होने के बाद राशन की दुकान से लेकर खाद्यान्न के गोदाम तक सब कुछ ऑनलाइन हो जायेगा राशन की दुकान से आवंटित खाद्यान्न के साथ ही गोदामों से उठने वाले अनाज की जानकारी ऑनलाइन होगी गोदामों से ई-चालान के माध्यम से खाद्यान्न का उठाव होगा तथा 7 खाद्यान्न उठते ही स्वयं...
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गंभीर सेज डेवलपर्स ही रह पाएंगे मैदान में
खैर नहीं - गैर संजीदा डेवलपर्स के प्रति सरकार सख्त रुख में बदलाव सेज के विकास को गंभीरता से न लेने वाले डेवलपर्स को अब ज्यादा समय देने के मूड में नहीं है वाणिज्य मंत्रालय क्या होना है कई डेवलपर्स ने 6-7 साल में भी विकास के नाम पर कुछ नहीं किया है, सरकार ऐसे गैर गंभीर सेज की मंजूरी को कर सकती है निरस्त ऐसे...
More »दमनकारी पितृसत्ता की परतें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 27 सितंबर, 2013 : ग्वालियर की एक कार्यशाला में एक कार्यकर्ता ने चंबल क्षेत्र में राज्य सरकार के ‘बेटी बचाओ’ अभियान से चिढ़े अभिभावक की प्रतिक्रिया बताई, ‘‘का हम अपनी मोढिन को मार न सकत।’’ मोढी यानी बेटी। क्या हम अपनी पत्नी को भी नहीं पीट सकते; यह हर भारतीय मर्द की अंदर की आवाज होती है। हर बाप अपनी बेटी को संपत्ति से वंचित करता ही है। हरियाणा में...
More »अब विशेष राज्य के दर्जे की राह हुई आसान
पटना: बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा बहुत मायने रखता है. डॉ रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट में बिहार फिट बैठता है. रिपोर्ट के आधार पर हम मानते हैं कि बिहार को विशेष राज्य जैसी सुविधा मिल जायेगी. हालांकि, यह और भी उचित होता कि मानक तय करने में प्रति व्यक्ति आय को आधार माना जाता. लेकिन , कमेटी की राय प्रति व्यक्ति उपभोग के आधार पर बनी है. मैंने अपनी ओर...
More »खनन से किसका हित, मिल कर सोचें- ।।किशन पटनायक।।
बिक्री लायक पदार्थो को ‘पण्य’(माल) कहा जाता है और उनके संग्रह को ‘संपत्ति’. आधुनिक समाज में संपत्ति को मूल्यों (रुपयों) में आंका जाता है. मैं अगर करोड़पति हूं, तो मेरी संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपयों में है. दुनिया में जितनी भी संपत्ति है, उनके मूल में हैं प्राकृतिक संसाधन. मेहनत, बुद्धि और मशीनों के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से विभिन्न पण्य वस्तुओं को बनाया जाता है. मशीनें भी खनिज धातु यानी प्राकृतिक...
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