संयुक्त राष्ट्र। भारत, शहरी क्रांति की कगार पर पहुंच चुका है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2031 तक देश की शहरी आबादी 60 करोड़ होने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था और वातावरण पर केंद्रित वैश्विक आयोग की नई रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशकों में भारत की आबादी 21 करोड़ 70 लाख से बढ़कर 37 करोड़ 70 लाख हो चुकी है, जो 2031 तक साठ करोड़ हो जाएगी,...
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घर में शौचालय न होने पर पत्नी ने छोड़ा पति का साथ
विजय गाहल्याण, पानीपत। यहां के समालखा खंड के जौरासी खास गांव की 30 वर्षीय एक महिला ने घर में शौचालय न होने कारण पति के साथ रहने से इंकार कर दिया। उसे समझाने के लिए संबंधित अधिकारी तीन बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। इसके लिए उसने बाकायदा महिला सेल में शिकायत कर अपने फैसले से अवगत कराया है। शिकायत के अनुसार पहले सास-ससुर इकट्ठे...
More »राजस्थान : ग्रामीण महिलाएं भी हो रही हैं हाइपरटेंशन की शिकार
नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। हाइपरटेंशन आमतौर पर शहरी बीमारी मानी जाती है, लेकिन राजस्थान में ग्रामीण महिलाएं भी इस बीमारी की शिकार हो रही हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। हाल में जारी वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2012-13 की रिपोर्ट बताती है कि दो साल में राजस्थान में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या करीब तीन गुना और ग्रामीण महिलाओं की संख्या लगभग ढाई गुना बढ़ गई। केंद्र सरकार की ओर...
More »छत्तीसगढ़ में फिर लहलहाएगी दुबराज, विष्णुभोग की फसल
दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...
More »आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
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