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केंद्र की तीन योजनाओं से जुड़े दस करोड़ लोग

नितिन प्रधान, नई दिल्ली। अपने भविष्य और सामाजिक सुरक्षा के सरोकारों को लेकर शहरी महिलाओं की अपेक्षा ग्रामीण महिलाएं ज्यादा सजग और गंभीर हैं। सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी तीन स्कीमों के आंकड़े तो कम से कम यही जाहिर कर रहे हैं। इन तीनों स्कीमों में पंजीकरण की संख्या को देखें तो शहरी महिलाओं की तुलना में ग्रामीण महिलाएं आगे रही हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना...

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व्यापमं घोटाले का होगा व्यापक असर - संजय गुप्‍त

मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले और इसकी जांच के घेरे में आए कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने शिवराज सिंह सरकार की नींद पहले ही उड़ा रखी थी, लेकिन हाल में जब इस मामले की तहकीकात कर रहे एक पत्रकार और जांच से जुड़े एक मेडिकल शिक्षक की रहस्यमय हालत में मौत हुई तो उसकी प्रतिक्रिया देशभर में हुई। नतीजा यह...

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पितृसत्ता की दीवारों में पड़ रही है दरार- सरला माहेश्वरी

हाल में भारत के सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला आया कि औरत को अपनी संतान के परिचय के साथ उसके पिता का नाम लिखना जरूरी नहीं है. यानी भारत में संतान के नाम के साथ उसके पिता का नाम लिखने की अनिवार्यता खत्म हो रही है. जो स्त्री विवाह के बिना किसी पुरुष के साथ रहती है, उसे भी कानूनन वे सारे अधिकार हासिल हैं, जो एक पत्नी के...

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राजनीतिक दलों की निजता और आरटीआई - हृदयनारायण दीक्षित

जनतंत्र में दलतंत्र महत्वपूर्ण उपकरण है। दलों की मान्यता और पंजीयन के विधि स्थापित नियम हैं। दलों के अपने घोषित कार्यक्रम, संविधान, संगठन पद व संकल्प हैं। दल मूलत: राजनीतिक जनसंगठन हैं। दल चुनावों में हिस्सा लेते हैं। संगठन तंत्र के माध्यम से अपने पक्ष में जनमत बनाते हैं। जनसमर्थक मनमाफिक दल को चलाने या चुनावी जीत दिलाने के लिए चंदा देते हैं। दल कार्य संचालन के लिए विभिन्न् स्तर...

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मजहबी तालीम से आगे बढ़ें मदरसे - तुफैल अहमद

पिछले दशकों के आंकड़े गवाह हैं कि मदरसों में पढ़ने वाले भारतीय मुसलमान भौतिकशास्त्री, अर्थशास्त्री, चार्टर्ड एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर और यहां तक कि राजनीतिज्ञ भी नहीं बन पाते। मदरसे मुस्लिमों को सार्वजनिक जीवन से बाहर रखने के कारक बन जाते हैं। हां, कुछ मदरसों के छात्र आधुनिक पेशे में प्रवेश पा लेते हैं, लेकिन इसमें मदरसों की भूमिका नहीं है, बल्कि यह उनका व्यक्तिगत सद्प्रयास है। इस बात के भी...

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