नई दिल्ली [इरा झा]। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सरकार इस बार गंभीर नजर आ रही है, मगर उसकी तैयारी अब भी अधूरी ही दिखाई पड़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के लगातार आ रहे बयानों से ऐसा लगता है कि अब कभी भी नक्सल पीड़ित सात राज्यों में उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच ऐसे विज्ञापनों के दौर भी चल रहे हैं, जिनसे...
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हिंदुस्तान की 40 हजार वर्ग किमी जमीन पर नक्सलियों का कब्जा
नई दिल्ली. देश के 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में नक्सलियों का कब्जा है और इन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह खुलासा संसदीय पैनल के समक्ष किया है। संसदीय पैनल की बैठक बुधवार को प्रधानमंत्री के उस बयान के बाद बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने नक्सलवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। आंतरिक मामलों पर संसद की...
More »एक चिठ्ठी बस्तर की व्यथा की......
छत्तीसगढ़ के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...
More »आत्महत्याओं का एक इलाका और...
विदर्भ में साल 2006 में सबसे ज्यादा 1,065 किसानों ने आत्महत्या की जबकि उसी साल छत्तीसगढ़ में ये आंकड़ा 1483 था जो अगले साल बढ़ कर 1593 हो गया नक्सल समस्या के चलते छत्तीसगढ़ काफी समय से सुर्खियों में है. लेकिन कम ही लोग यहां की एक और उतनी ही गंभीर समस्या के बारे में जानते हैं जो करीब एक दशक से अपने पांव पसारे हुए है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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