हॉलैंड का एक गांव। गिरजे की खिड़कियों से छनकर आ रही दोपहर की नर्म धूप में हम प्रेम के एक चमत्कार के साक्षी हुए। इस कहानी की शुरुआत 24 साल पहले कराची के एक यतीमखाने से होती है। एक परित्यक्त बच्ची सड़क पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी, जिसे यतीमखाने के कर्मचारी अपने यहां ले आए थे। यतीमखाने को एक समृद्ध और दयालु डच महिला संचालित करती थी। उन्होंने...
More »SEARCH RESULT
मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर
यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...
More »बत्तीस के फेर में गरीबी : इला भट्ट
अब देश की सरकार गरीबी के मानदंडों में संशोधन करने जा रही है, जैसे कि देश को पता ही न हो कि गरीबी के मायने आखिर क्या हैं! सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र में एक दिन में 32 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में 26 रुपए से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति ‘गरीब’ नहीं माना जा सकता और इसलिए वह सरकार की विभिन्न हितकारी योजनाओं के लिए पात्र...
More »सरकार ने दिया ऐसा आदेश कि सभी निजी विद्यालय हो गए बंद
पटना. सरकार द्वारा निजी विद्यालयों का पंजीकरण अनिवार्य कराने के आदेश के विरोध में बुधवार को पटना सहित राज्य के सभी निजी विद्यालय बंद हैं। कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ऑफ बिहार के आह्वान पर राज्य के करीब 25,000 निजी विद्यालयों में ताले लटके हुए हैं। संघ के संयोजक डी.के. सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार का यह कदम उचित नहीं है, इससे देश को साक्षर बनाने में बड़ी...
More »बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा
आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...
More »