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नरेगा श्रमिकों को 3650 करोड़ रुपये का भुगतान

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : राज्य में बीसूका के तहत विभिन्न सूत्रों में इस वर्ष जनवरी, 2010 तक उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की गई। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम के तहत 88 लाख 74 हजार 715 जॉब कार्ड जारी कर 41 करोड़ 87 लाख से अधिक दिवसों का रोजगार सृजित किया गया। जनवरी तक की प्रगति के अनुसार नरेगा योजना में श्रमिकों को मजदूरी एवं सामग्री के रूप में 3650 करोड़ 57 लाख 82 हजार रुपये का भुगतान...

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श्रमिक हितों पर मंत्रालय के कड़े तेवर

देहरादून। राज्य में संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सूचीबद्ध करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि उत्तराखंड में स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है अथवा नहीं। श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने तथा बंधुआ मजदूरों को वास्तविक संख्या जानने के लिए भी मंत्रालय ने कदम उठाए हैं। राज्य में संगठन व...

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चौ. रणबीर सिंह के प्रयासों से रखी गई हरित-क्रांति : प्रणब

रोहतक,  जागरण संवाददाता : केंद्रीय वित्ता मंत्री प्रणब  मुखर्जी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी चौ. रणबीर  सिंह की पहल के चलते भाखड़ा  बांध परियोजना सिरे चढ़ी, जो हरित क्रांति लाने में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने चौ. रणबीर सिंह सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान 'स्वराज सदन' की आधारशिला रखी। बृहस्पतिवार को सुबह करीब 11  बजे केंद्रीय वित्ता मंत्री प्रणब  मुखर्जी एमडी  यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचे। आडिटोरियम में चौ. रणबीर सिंह शोध पीठ के तत्वावधान में आयोजित प्रथम स्मृति...

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पोस्को ने घोषित किया श्रमिकों को आर्थिक पैकेज

भुवनेश्वर। विभिन्न स्तर पर विरोध का शिकार तथा जमीन अधिग्रहण के साथ अन्य कई विंवादों के चलते अधर में लटके पोस्को द्वारा श्रमिकों के लिए पहली बार पोस्को कंपनी द्वारा अर्थनैतिक पैकेज तैयार किया गया है। प्रस्तावित पोस्को इलाके में स्थित पान की खेती में लिप्त किसानों के लिए पोस्को द्वारा प्रस्तावित इस्पात कारखाना इलाके में विस्तृत पान की खेती है, जिसमें लगभग 1 हजार भूमिहीन श्रमिक मजदूरों के तौर पर काम कर रहे है। संपृक्त...

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कैसे बनते है इतनी मंहगाई में सरकारी आवास?

चित्रकूट। एक ही जगह और लाभार्थियों के लिये दो-दो योजनायें, जी हां चौकिये नही यह गांव है पहाड़ी ब्लाक का जमौली गांव। जहां पिछले साल डाकू नान केवट को मारने के चक्कर में पुलिस ने पूरे गांव को ही जला डाला था। जले हुये मकानों को बनाने के लिये जब सरकार से राहत की बात देने का मामला आया तो केवल एक योजना से यहां पर भरपाई नही हो पाई। महामाया योजना और इंदिरा आवास...

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