भारतीय अर्थव्यवस्था एक ऐसे दौर से गुजर रही है जिसमें किसी अच्छी खबर को ढूंढ पाना मुश्किल हो गया है. आर्थिक वृद्धि सुस्त हो गई है. निर्यात निरंतर घटता जा रहा है. खुदरे की महंगाई बढ़ती जा रही है. रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं. बैंक क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट है. बिजली की खपत घट रही है. कर राजस्व काफी धीमी गति से बढ़ रहा है, बजट में लगाए...
More »SEARCH RESULT
जेएनयू विवाद: यूनिवर्सिटी में राजनीतिक हस्तक्षेप और स्वायत्तता का सनातन संकट
जेएनयू विवाद जो हॉस्टल मैन्युअल और फीस वृद्धि से शुरू हुआ था, अब छात्रों के संसद भवन मार्च और उन पर बल प्रयोग के बाद यह संसद भवन के बाहर से अन्दर तक पहुंच गया है. हॉस्टल में फ़ीस वृद्धि के बजरिए यह विवाद अब कई व्यवस्थागत विषयों को हमारे सामने खड़ा कर रहा है, तथा मानव संसाधन मंत्रालय की शैक्षिक नीति पर सवाल उठा रहा है. 1986 की शिक्षा नीति...
More »नोबेल, गरीबी और आंबेडकर -- श्योराज सिंह बेचैन
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, फ्रांस मूल की उनकी शोध छात्रा रही पत्नी एस्टर डफ्लो और अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर, तीनों को संयुक्त रूप से नोबेल सम्मान मिलने के बाद से खासकर भारत की गरीबी को लेकर बहस छिड़ गई है। वह इसलिए भी कि जिस देश का एक पांव तरक्की के चांद पर पहुंचने को आतुर हो, उसका दूसरा पांव गरीबी की दलदल में गहरे फंसा हो, तो उसके...
More »गरीबों के जीवन का अर्थशास्त्र-- नीरंजन राजाध्यक्ष
सड़क पर डोसा बेचने वाली महिला के पास एक भूखे अर्थशास्त्री के जाने का जिक्र भला क्यों होगा, जब तक कि वह अर्थशास्त्री अभिजीत वी बनर्जी न हों। ऐसा आंध्र प्रदेश के छोटे से शहर गुंटूर के एक गरीब इलाके में हुआ था। असल में, सुबह के करीब नौ बजे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) का यह 49 वर्षीय प्रोफेसर नाश्ते के लिए डोसा खरीदने गया था। सड़क पर ताजा...
More »न्याय योजना की आलोचना पर बोले अभिजीत बनर्जी, अगर भाजपा कहती तो उसकी भी मदद करता
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि उन्हें न्यूनतम आय योजना (न्याय योजना) पर कांग्रेस पार्टी को सलाह देने का कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने उनके कहा होता तो वे उनकी भी मदद करते. अभिजीत बनर्जी का यह बयान भाजपा नेताओं की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें नोबेल पुरस्कार के लिए अर्थशास्त्री की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेताओं न्याय कार्यक्रम...
More »