नई दिल्ली: जाने-माने शिक्षाविद, लेखक और भीमा कोरेगांव प्रकरण में आरोपी प्रो. आनंद तेलतुम्बड़े ने आंबेडकर जयंती के मौके पर नई दिल्ली में एक सार्वजनिक सभा को संभोधित किया. इस मौके पर आनंद तेलतुम्बड़े ने कहा, ‘आंबेडकर को हर कोई अपने अपने ढंग से समझता है. आज के समय में हर राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने की कोशिश में हैं लेकिन आंबेडकर के विचारों पर कोई नहीं चलना चाहता.' मालूम हो कि...
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आंबेडकर को जितना अस्वीकार वर्तमान राजनीति ने किया है, उतना किसी और ने नहीं किया
हमारे समय के सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों ने बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रासंगिकता बढ़ा दी है. इधर हाल के कुछ वर्षों में डॉक्टर आंबेडकर को पढ़ने और समझने की चेतना विकसित हुई है. अब उन्हें कोई अनदेखा नहीं कर सकता है. भाजपा हो, कांग्रेस हो या मार्क्सवादी पार्टियां- डॉक्टर आंबेडकर के बिना वे चुनावी वैतरणी नहीं पार कर सकती हैं. लेकिन क्या डॉक्टर आंबेडकर को केवल चुनाव जीतने के लिए...
More »जिस गांव से ज़्यादा वोट मिलेगा, वहां पहले काम होगा: मेनका गांधी
नई दिल्ली: भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने एक चुनावी सभा के दौरान मतदाताओं से सीधे तौर पर कहा कि जहां से ज्यादा वोट मिलेगा वहां ज्यादा काम होगा. उन्होंने मत प्रतिशत के आधार पर गांवों को अलग-अलग कैटेगरी में रखने की बात कही. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में एक सभा में उन्होंने कहा, ‘हम हर बार पीलीभीत में जीतते हैं, तो इस बात का मापदंड...
More »हमारा बस चले तो ऐसा राजद्रोह क़ानून बनाएंगे कि लोगों की रूह कांप उठे: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राजद्रोह कानून रद्द करने के उसके वादे को लेकर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार राजद्रोह कानून को और अधिक सख्त बनाएगी. राजनाथ सिंह गुजरात में कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में एक जनसभा में बोल रहे थे. उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस कह रही है कि वे राजद्रोह कानून को रद्द कर...
More »अनसुनी रह जाती है जिनकी आवाज-- बद्रीनारायण
जनतंत्र में कुछ आवाजें हैं, जो ज्यादा सुनाई देती हैं। महानगर और शहर के बड़े तबके की आवाज तो जनतांत्रिक विमर्श में सुनी ही जाती है, कस्बों, राजमार्गों और मुख्य सड़कों के किनारे के गांवों की आवाज भी कई बार इसमें दर्ज हो जाती है। लेकिन जो अंतरे-कोने में पडे़ हैं, जो नदियों के किनारे के गांव हैं, जो दियारे में बसे गांव हैं, जो पहाड़ों की तलहटियों में और...
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