रांची : झारखंड के 37 बैंकों के 4642.51 करोड़ रुपये डूबने के कगार पर हैं. बैंकों ने यह राशि विभिन्न लोगों, संस्थानों और कंपनियों को लोन के रूप में दी थी. पर बैंकों के ये पैसे वापस नहीं मिल पाये. बैंकों ने इस राशि को नन परफार्मिंग एसेट(एनपीए) घोषित कर रखा है. बैंकों ने इससे संबंधित ब्योरा सरकार को सौंपा है. राज्य में एनपीए की वृद्धि दर 13.18 प्रतिशत तक...
More »SEARCH RESULT
नोटबंदी से परेशान निम्न-मध्यम वर्ग व छोटे उद्यमियों को वित्त मंत्री ने की साधने की कोशिश-- राजेन्द्र तिवारी
धूम-धड़ाके वाली नोटबंदी से परेशान देश के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए निम्न व मध्यवर्ग को राहत देने वाला, सामाजिक व ग्रामीण क्षेत्र में आवंटन बढ़ाने और कृषि व किसानों के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने वाला बजट पेश किया. यह पहला ऐसा बजट है जिसमें योजना और गैर योजना की श्रेणी खत्म कर दी गयी और रेलवे अन्य विभागों की तरह ही इसमें शािमल किया गया. वित्त...
More »आखिर कब मिलेगा न्याय!-- आकार पटेल
वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी नरसंहार के पीड़ितों और भुक्तभोगियों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार कितनी गंभीर है? यह ऐसा प्रश्न है, जिसे जानने के लिए सभी भारतीयों को उत्सुक होना चाहिए, क्योंकि इससे यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि इस देश में बड़े पैमाने पर होनेवाली हिंसा के मामले में पीड़ितों को कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मचे...
More »स्कूली शिक्षा में मामूली सुधार के संकेत पर स्थिति चिंताजनक
विद्यालयों की दशा देशव्यापी स्तर पर स्कूलों में सभी आयु वर्ग के नामांकन में बीते दो सालों में बढ़ोतरी हुई है, पर शैक्षणिक स्तर पर प्रगति असंतोषजनक है. बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छह से 15 साल के 11.1 करोड़ बच्चों के पढ़ने की क्षमता खराब बनी हुई है. पूरे देश में स्कूली बच्चों की संख्या 25.2 करोड़ है. अगर इन चार राज्यों में शिक्षा में बेहतरी नहीं...
More »चुनावी साल में यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में मनरेगा में आया उछाल
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इन तीनों राज्यों में अचानक से मनरेगा के तहत रोजगार लेने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। एक अधिकारी के मुताबिक तीनों राज्यों में चालू वित्त वर्ष में इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई है जो कि पिछले वित्त बर्ष में मनरेगा के तहत रोजगार पाने वालों की तुलना...
More »