चंडीगढ़. देश में करोड़ों लोग बेशक भूखे पेट सोते हैं लेकिन पंजाब में केंद्र और राज्य सरकार में ढुलाई को लेकर चल रहे मतभेद के कारण पिछले पांच साल में त्न10 करोड़ से ज्यादा का अनाज सड़ गया है। राज्य सरकार का आंकड़ा बताता है कि 97 हजार टन गेहूं सड़ा है। इसमें सेअभी 47 हजार टन गेहूं की नीलामी की जाएगी। इससे या तो कैटल फीड बनाई जाएगी या...
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आलू के दाम ने निकाला दम, इस साल मामला हो गया उल्टा
रायपुर. आलू के शौकीनों के लिए आने वाले दिन भारी पड़ने वाले हैं। माल की शॉर्टेज से पिछले दो महीने के अंदर ही आलू की कीमत दोगुनी हो चुकी है। रेट बढ़ने का सिलसिला खत्म नहीं होने वाला। अगले दो से तीन हफ्तों के अंदर इसकी कीमत 14 रुपए से बढ़कर 18-20 रुपए किलो तक पहुंचने की संभावना है। कीमतों में इतनी तेजी की वजह आलू का स्थानीय उत्पादन जरूरत से बहुत कम...
More »क्यों गायब हो रहे हैं छोटे किसान - सुभाष चंद्र कुशवाहा
आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...
More »मारंगपुरी के हर घर में बायोगैस से बन रहा भोजन
जगदलपुर. ईधन की लगातार कमी से जूझने वाले लाक मुख्यालय बड़ेराजपुर से करीब 15 किमी दूर मारंगपुरी के ग्रामीणों ने बायोगैस को वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में अपना लिया है। गांव के तकरीबन हर घर में बायोगैस के प्लांट बिना किसी रूकावट के पिछले एक दशक से लगातार चल रहे हैं। अब ग्रामीण इसकी तकनीक से भी वाकिफ हो चुके हैं। नहीं मिलती जलाऊ लकड़ी ओडिशा सीमा से लगे मारंगपुरी...
More »इस बार गेंहूं की होगी बंपर पैदेवार, फिर भी नहीं मिलेगी खुशी
भोपाल। रायसेन जिले के बिसनखेड़ा गांव से सटा बूचा सिंह का खेत। उसमें लहलहाती गेहूं की फसल। इस किसान के चेहरे से खुशी साफ झलक रही है। उसकी मेहनत और मौसम की मेहरबानी का नतीजा है कि इस साल उसे अपने खेत से 40 बोरी तक गेहूं मिल जाएगा जो पिछले साल से करीब डेढ़ गुना ज्यादा होगा। यह स्थिति बूचा सिंह तक सीमित नहीं है। इस साल प्रदेश में गेहूं का रिकार्डतोड़...
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