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शोर ज्यादा, मतलब की बातें कम-- अभिजीत मुखोपाध्याय

जैसी कि उम्मीद थी, केंद्रीय बजट-कम-से-कम बजट भाषण- में खेती और ग्रामीण क्षेत्र पर बहुत ही अधिक फोकस किया गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत से डेढ़ गुना करने का फैसला 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के सरकार के दीर्घकालिक महत्वाकांक्षा के अनुरूप है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कहा है कि नीति आयोग द्वारा तैयार प्रणाली के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य तय...

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'भारत' वाला बजट, इंडिया वाला नहीं-- संदीप बामजई

उपकार फिल्म का एक गाना है- मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरा मोती... आम बजट 2018-19 पूरी तरह से इस गाने के सच को पूरा करनेवाला लगता है. यह बजट कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है. यानी यह बजट 'भारत' को ज्यादा तरजीह देनेवाला बजट है, 'इंडिया' को कम. ग्रामीण भारत के लिए, गरीब परिवारों के स्वास्थ्य के लिए, राष्ट्रीय राजमार्गों के...

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जापान को पछाड़ निवेश के लिए पांचवां सबसे आकर्षक देश बना भारत

दावोस। निवेशकों की निगाह में भारत का आकर्षण बढ़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले एक पायदान सुधरकर भारत निवेश के लिहाज से पांचवां सबसे आकर्षक बाजार बन गया है। इसके साथ ही ग्लोबल स्तर पर कारोबारी आशावाद (बिजनेस ऑप्टिमिज्म) भी यहां रिकॉर्ड स्तर पर है। हालांकि, साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन चिंता की वजह बने हुए हैं। ग्लोबल एडवाइजरी फर्म पीडब्ल्यूसी ने दुनियाभर के सीईओ के बीच कराए गए...

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मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी

नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...

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दावोस के बहाने विषमता का सच-- कुमार प्रशांत

ऐसा कभी-कभार ही होता है कि सच खुद सामने अाकर झूठ का पर्दाफाश कर देता है! ऐसा ही हुअा था, जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक अोबामा अपने पद से विदा हो रहे थे. उन्होंने जाते-जाते कहा कि दुनिया की कुल संपत्ति का 50 प्रतिशत केवल 60 लोगों की मुट्ठी में है. अौर प्रकारांतर से यह भी कबूल कर लिया कि यह सच इतना टेढ़ा है कि इसे सीधा करना दुनिया...

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