चास : 30 रुपये के जलावन से महीना भर खाना बनाना क्या संभव है ? फिर, 64 रुपया लीटर कौन सा रिफायन मिलेगा? बाजार में मामूली रिफाइन भी 95 रुपया लीटर है. 34 रुपया किलो कहां सत्तू मिलेगा ? लेकिन, जब आंगनबाड़ी केंद्र जिले में इसी दर पर सामानों की खरीद से चल रहा है तो फिर समझा जा सकता है कि इन केंद्रों में कैसे-क्या होता होगा. ताज्जुब तो यह कि...
More »SEARCH RESULT
दर्द न कोई सुननेवाला है और न समझनेवाला ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति।।
लोकल गवर्नेस में कैसे सुधार हो सकता है, इस सवाल को लेकर हम एक एसडीओ से रू-ब-रू थे. उन्होंने अपने हिसाब से सुधार के उपाय बताये. उनकी व्यथा थी कि चीजों को सही तरीके से नहीं देखा जा रहा. प्रस्तुत है दूसरी किस्त. हमारी मुलाकात बहुत ही दिलचस्प एसडीओ से हो रही थी. बातचीत के लिए एसडीओ ने अपने आवास पर ही बुला रखा था. इस मुलाकात से पहले हमने पूरा होमवर्क भी किया था. सुबह...
More »सुधार का कोई रास्ता नहीं दिखता ।। संजय मिश्र की प्रस्तुति ।।
- झारखंड के बाद बिहार से पंचायतनामा प्रकाशन की तैयारियों के सिलसिले में जिलों से लेकर ब्लॉक और पंचायत तक की यात्रा पर निकला. इस दौरान बीडीओ-सीओ से लेकर डीएम-एसपी से मुलाकात हुई. मुलाकातों में चर्चा व सवाल का केंद्र था—आखिर लोकल गवर्नेस में सुधार कैसे हो सकता है और इस सुधार में पंचायती राज की क्या भूमिका है और क्या हो सकती है? अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने इस आग्रह के साथ...
More »सिर्फ कागजों में पुख्ता है खाद्यान्न भंडारण
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अनाज भंडारण की कमी और बंपर बर्बादी की आशंकाओं पर चौतरफा आलोचना झेल रहे केंद्र ने अब राज्यों से मदद की गुहार लगाई है। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने राज्यों से एकमुश्त छह महीने का राशन का अनाज उठा लेने का आग्रह किया है। सरकारी बहीखातों में खाद्यान्न भंडारण का प्रबंधन पुख्ता जरूर है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कहीं दूर है। कागजी बंदोबस्त में भी...
More »लाभार्थियों को कम मिल रहा अनाज
फलका (कटिहार), निज संवाददाता : गरीबों के खाद्यान्न की हकमारी करना डीलरों की नियति बन चुकी है। प्रशासन के सख्त निर्देश के बावजूद फलका प्रखंड अंतर्गत रहटा पंचायत में डीलर द्वारा लाभार्थियों को चावल व गेहूं दो-दो किलो कम देने तथा निर्धारित से अधिक कीमत वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। गत सोमवार को खाद्यान्न वितरण के दौरान जब ग्रामीणों द्वारा कम राशन देने का विरोध किया गया तो उल्टे...
More »