मुझे क्रिकेट खेलने के दौरान पीठ में चोट लग गई। डॉक्टर ने कहा कि अब शेष जीवन बिस्तर पर बिताना पड़ेगा। किसी ने योग करने की सलाह दी। मेरे दादाजी योगासन करते थे। उनसे मैंने सीखा और बिल्कुल ठीक हो गया। फिर 1985 में धीरेंद्र ब्रह्मचारीजी के आश्रम में योग सीखने गया। वहां 10 हजार युवक आए थे, जिनमें से 50 लोगों का चयन हुआ, उनमें मैं भी था। वहां...
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11782 छोटे-बड़े अस्पताल, ड्रेसर के पद 1922, खाली 1596
पटना : राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब ड्रेसर नहीं रह गये हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में कुल 1922 पद ड्रेसरों के स्वीकृत कर रखे हैं. स्वीकृत बल की तुलना में अभी महज 326 ड्रेसर विभिन्न अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं. स्वीकृत संख्या के अनुसार वर्तमान में कुल 1596 ड्रेसर के पद रिक्त हैं. 1991 के बाद ड्रेसरों के नियमित बहाली ही नहीं हुई हैं. राजकीय...
More »अच्छे देशों की सूची में अभी दूर है भारत की मंजिल
मानवता की बेहतरी में योगदान के लिहाज से जारी अच्छे देशों की ताजा सूची में भारत को 70वें स्थान पर रखा गया है. सूची में 163 देशों को शामिल किया गया है. ऐसे किसी वैश्विक इंडेक्स में हमारे देश की मौजूदा स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक है. देशों की आंतरिक स्थिति के आधार पर पेश की जानेवाली अन्य महत्वपूर्ण रिपोर्टों पर नजर डालें, तो निराशा और बढ़ जाती है. मानव...
More »प्रदूषण से दिल्ली में घटते हैं आपकी जिंदगी के 6 साल
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण का हमारी जिंदगी पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है। ताजा खुलासा तो और भी चौंकाने वाला है कि इससे हमारी जिंदगी के छह साल भी कम हो रहे हैं। दिल्ली में हर साल होने वाली दस हजार से लेकर तीस हजार मौतों के लिए यहां का वायु प्रदूषण जिम्मेदार है और पूरे देश में होने वाली कुल मौतों का यह पांचवां बड़ा कारक है। अध्ययन...
More »डॉक्टर ने बदली तीन सौ गांवों की तस्वीर
भारतीय रेलवे के कर्मचारी देवराव कोल्हे के पुत्र रवींद्र नागपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे थे। हर किसी को उनके डॉक्टर बनकर अपने गांव शेगाव लौटने का इंतजार था, लेकिन किसे मालूम था कि शहर में अच्छी प्रैक्टिस शुरू करने की बजाय रवींद्र एकदम उल्टी दिशा ही पकड़ लेंगे। वे महात्मा गांधी और विनोबा भावे की किताबों से बहुत प्रभावित थे। पढ़ाई पूरे होते-होते वे निश्चय कर चुके थे कि...
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