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आजाद देश की गुलाम किशोर आबादी ?

एक अरब इक्कीस करोड़ की आबादी वाले भारत में 20 फीसदी व्यक्ति किशोर उम्र (10-19साल) के हैं, मतलब किसी भी अन्य देश के किशोरवय लोगों की संख्या की तुलना में ज्यादा।( भारत में इस उम्र के लोगों की कुल तादाद 24 करोड़ 30 लाख है जबकि चीन में किशोरवय लोगों की संख्या तकरीबन 20 करोड़ है।) हरियाणा के बागपत और असम के गुवाहाटी से आने वाले महिला-उत्पीड़न की खबरों के बीच यह जानना महत्वपूर्ण...

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हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया

नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...

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सिंगरौली में संघर्ष जारी है- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 25 मई, 2012: यह रास्ता जंगल की तरफ जाता जरूर है, लेकिन जंगल का मतलब वहां सिर्फ जानवरों का निवास नहीं होता। जानवर तो आपके आधुनिक शहर में हैं, जहां ताकत का अहसास होता है। जो ताकतवर है उसके सामने समूची व्यवस्था नतमस्तक है। लेकिन जंगल में तो ऐसा नहीं है। यहां जीने का अहसास है। सामूहिक संघर्ष है। एक दूसरे के मुश्किल हालात को समझने का संयम है। फिर न्याय से लेकर...

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पंजाब के इस गांव पर आमिर खान को है गर्व

संगरूर. रविवार को प्रसारित ‘सत्यमेव जयते’ में संगरूर के गांव चंगाल को खूब सराहा गया। गांव में पिछले तीन साल से शराब का ठेका नहीं है। शो में आमिर ने शराबबंदी में सहायक पंचायती एक्ट की तारीफ करते हुए देश की सभी पंचायतों को गांव चंगाल से सीख लेने को कहा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सरपंच परमजीत सिंह चंगाल और गांववासियों ने ठेके के खिलाफ संघर्ष और पिछले तीन साल से हो रहे फायदे के...

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...ताकि अभिभावक भी दें आरटीई को सही तरह से लागू करने में सहयोग

गुड़गांव. शिक्षा के अधिकार को सही तरीके से लागू करने में जिले के अभिभावक और शिक्षकों का पूर्ण सहयोग मिले इसी के मद्देनजर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सहयोग से स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) के सदस्यों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ के मुताबिक शिक्षकों और अभिभावकों को शिक्षा के अधिकार के प्रति उनकी जिम्मेवारियां पता न होने के चलते यह ठीक से लागू नहीं हो पा रहा...

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