इंदौर। राज्य सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे लाखों प्रयास के बाद भी ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिलों में ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए बनाई गई मॉनीटरिंग व एडवायजरी कमेटियां भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही हैं। यही वजह है कि अब इन कमेटियों पर नियंत्रण रखने के लिए एडवोकेसी...
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कमजोर मॉनसून और महंगाई की लड़ाई- राजीव रंजन झा
इस बार मॉनसून के सामान्य से कमजोर रहने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है. इसका नकारात्मक असर महंगाई रोकने के प्रयासों पर होगा. मॉनसून पर सरकार का जोर नहीं चलता, लेकिन जब पहले से मालूम हो कि एक संकट की संभावना है, तो उससे निपटने के लिए पहले से उपाय करने होंगे. एक तरफ जहां कृषि उत्पादन में संभावित कमी का पहले से अंदाजा लगा कर समय रहते आयात करके...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
More »सामाजिक न्याय की बलि- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 9 जून, 2014 : यह एक तथ्य के रूप में ही नहीं दोहराया जा रहा है कि 1984 के बाद 2014 में ही दिल्ली की गद्दी के लिए किसी एक पार्टी को बहुमत मिला है, बल्कि इसके राजनीतिक आयाम भी अलग नहीं हैं। 1984 में हिंदुत्ववाद के उभार की एक चरम स्थिति थी, जब राजीव गांधी को दो तिहाई बहुमत मिला था। वह राजनीतिक हिंदुत्ववाद सिख-विरोधी हमलों की उपज...
More »निर्मल गंगा की सार्थक धारा- जैको वल्विस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे पवित्र नदी को साफ करने का वादा किया है। वाराणसी से चुनाव लडम्कर एक तरह से उन्होंने इस असंभव से लगने वाले मुद्दे पर अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया। गंगा की जो हालत है, वह भारत के अंतर्विरोधों का सबसे अच्छा उदाहरण है। एक तरफ तो देश की इस सबसे पावन नदी की लोग पूजा करते हैं, इसके जल को सबसे पवित्र...
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