-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत विफल रही। सरकार ने किसानों के सामने शर्त रखी कि वे पांच सदस्यीय कमेटी बनाएं, लेकिन किसान संगठनों ने इससे इंकार कर दिया। 3 दिसंबर को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस वजह से 1 दिसंबर को...
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किसान आंदोलन को लेकर एनडीए में रार, हरियाणा में निर्दलीय ने छोड़ा साथ, दूसरे दलों ने दी चेतावनी
-आउटलुक, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर एनडीए को लगातार सहयोगी दलों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। सहयोगी दल केंद्र और सत्तारूढ़ भाजपा शासित राज्यों से नाता तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। हरियाणा की गठबंधन की सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने सत्ता से अपना गठबंधन तोड़ लिया है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि सरकार को इस...
More »किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले फल-सब्ज़ियों की आपूर्ति प्रभावित
-द वायर, पिछले छह दिनों से दिल्ली के हरियाणा से लगे सिंघू और टिकरी बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन के कारण दूसरे राज्यों से दिल्ली में सब्जियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है और आजादपुर मंडी में भी इसकी आपूर्ति आधी रह गई है. दिल्ली के दूसरे हिस्सों के विक्रेताओं ने भी कहा कि आपूर्ति सीमित होने के कारण मौसमी सब्जियों की कीमत 50 रुपये से 100 रुपये तक...
More »स्टेट ऑफ रूरल एंड एग्रेरियन इंडिया रिपोर्ट 2020 का हुआ विमोचन
-प्रेस नोट, नेटवर्क ऑफ रूरल एंड एग्ररिेरियन स्टडीज (NRAS) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन वेबीनार में आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक डॉ वी रामगोपाल राव द्वारा "स्टेट ऑफ रूरल एंड एग्रेरियन इंडिया रिपोर्ट 2020" (‘भारत मेंखेती और गाँव-देहात का हाल 2020) का विमोचन किया गया। यह रिपोर्ट NRAS द्वारा तैयार की गयी है, जो वर्ष 2010 में स्थापित किया गया ग्रामीण और कृषि भारत के मुद्दुों से जुड़े अध्यतेओं, शोधकर्ताओ, किसानों,...
More »ग्राउंड रिपोर्ट: आखिर किसान निरंकारी ग्राउंड क्यों नहीं आना चाहते, उन्हें किस बात का डर है?
-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘अगर किसान यूनियन के लोग चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे. तीन तारीख से पहले इनसे बात करे तो मेरा आप सभी को यह आश्वासन है कि जैसे ही आप यहां शिफ्ट हो जाते हैं. एक स्ट्रक्चर्ड जगह पर अपने आंदोलन को शिफ्ट करते हैं और वहां आप अच्छे तरीके से बैठ जाते हैं उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपके साथ आपकी समस्या और मांगों के लिए...
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