नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से देशभर में जारी अफरातफरी के माहौल के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट बताती है कि देश के अमीर और अमीर हो गए हैं और गरीब तबका और गरीब। यह रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जारी की है। यह कहती है रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 बताती...
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झारखंड की संभावनाओं भरी राह-- अलख नारायण शर्मा
एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....
More »जुगाड़ का मोहताज न बने लोकतंत्र - मृणाल पांडे
क्या इसे महज एक संयोग माना जाए कि देश की तकरीबन हर पार्टी और राजनीति में आकंठ निमग्न शीर्ष नेता के कुटुंबों के भीतर और पार्टी के असंतुष्टों के बीच की भीषण तनावमय टूट इन दिनों शर्मनाक झगड़ों में तब्दील हो-होकर चौरस्तों पर बिखर रही है? एक न एक दिन तो यह होना ही था। वजह यह कि गए कई दशकों में जवान होता लोकतंत्र हमारे बीच राजनीति से अर्थनीति...
More »10 हजार किसानों की मदद कर रही है यह केमिकल इंजीनियर
मुंबई। कुछ अच्छा करने की चाह हो, तो रास्ते आपने आप बन जाते हैं। केमिकल इंजीनियर रीमा साठे ने महाराष्ट्र के किसानों की खराब हालत के बारे में एक लेख पढ़ा और कुछ करने की सोचा। इसके साथ ही उन्होंने 'हैप्पी रुट्स' नाम की एक स्टार्ट अप की शुरुआत की। यह फूड कंपनी स्वस्थ, प्राकृतिक और प्रिजर्वेटिव फ्री नाश्ता बनाती है। इसके लिए महाराष्ट्र में छोटे और आदिवासी किसानों से कच्चा...
More »जातीय संघर्ष के ज्वालामुखी--- सतीश पेडणेकर
इन दिनों महाराष्ट्र में जो हो रहा है वह अद्भुत है। महाराष्ट्र महारैलियों का प्रदेश बन गया है। राज्य के जिलों में भी मराठाओं की विशाल रैलियां निकल रही हैं, जिनमें लाखों लोग जुट रहे हैं। कुछ समय पहले तक कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि जिले-जिले में ऐसी महारैलियां निकल सकती हैं। ये महारैलियां इस बात की प्रतीक हैं कि राज्य की एक तिहाई आबादी वाली मराठा...
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