अरसे बाद लेफ्ट को एक नया आइकॉन मिला है। वह जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष है और उसका नाम है कन्हैया कुमार। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी पहले ही उत्साह में आकर घोषणा कर चुके हैं कि कन्हैया पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावों में उनका स्टार प्रचारक होगा। कन्हैया का नाम सुर्खियों में आया था आजादी को लेकर लगाए गए चंद नारों से। अब उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि...
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सीमा के प्रहरी बनना चाहते हैं गुमला के असुर-- दुर्जय पासवान
आमतौर पर जंगल में रहनेवाले आिदम जनजाति के लोग शहरों में जाना पसंद नहीं करते. इसलिए सदियों तक शिक्षा से दूर रहे. शहरी समाज से खुद को अलग-थलग रखा. लेकिन, धीरे-धीरे ये लोग अब मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं. गुमला के िबशुनपुर प्रखंड से 45 किमी दूर पोलपोट पाट गांव में बसनेवाले असुर जाति के युवा देश की सीमा के सुरक्षा प्रहरी बनना चाहते हैं और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत...
More »पढ़ने की ललक : बेटियों ने ठानी पहले पढ़ाई, फिर विदाई
जमशेदपुर : गांव की लड़कियों ने ठान ली है कि पूरी होगी पढ़ाई, तभी होगी विदाई. गया जमाना, जब ब्याहने का मिलता था बहाना. अब बेटियां पढ़ लिख कर शिक्षित समाज का निर्माण करेंगी. स्वावलंबी बनेंगी. शहर की लड़कियों की तरह गांव की लड़कियां भी जागरूक हो रही हैं. पिछले कुछ दिनों में कई लड़कियों ने शादी से इनकार करके इसे साबित कर दिया है. इन्होंने सिर्फ ब्याह करने से...
More »दिशा तो सही लेकिन कुछ जरूरी बातों की अनदेखी - डॉ. भरत झुनझुनवाला
बजट में कई अच्छी घोषणाएं की गई हैं जैसे ग्रामीण विद्युतीकरण एवं सड़कों में निवेश में वृद्धि, गरीबों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना, जिले स्तर पर डायलिसिस की व्यवस्था करना, नए कर्मियों के लिए कंपनियों को प्रॉविडेंट फंड में अनुदान देना, हाईवे, रेल, पोर्ट एवं एयरपोर्ट में निवेश बढ़ाना इत्यादि। वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स में छूट दी है, जबकि एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है। यह कदम सही दिशा...
More »एक रुपए रोज की तनख्बाह में खप गईं पीढ़ियां
इसे शोषण की इंतहा की कहा जा सकता है। राज्य में स्कूली शिक्षा विभाग के गठन के साथ ही बच्चों को पानी पिलाने की सुविधा आधी सदी बाद शोषण की शायद सबसे बड़ी नजीर बन गई है। इस काम में तैनात की गई महिला वर्करों को मेहनताने के एवज में आज भी रोज का एक रुपया देने का प्रावधान है। और तो और मेहनताने की राशि का भुगतान कभी कुछ...
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