चुनावी विमर्शों में 'व्यक्तित्व बनाम मुद्दे' की बहस होती रही है। मगर चुनाव व्यक्तित्व के आधार पर लड़ा जाना चाहिए, या मुद्दों के आधार पर, यह सवाल ज्यों का त्यों बना हुआ है। हमारे देश में व्यक्तित्व आधारित राजनीति नई बात नहीं है। बीच-बीच में ऐसे दौर जरूर आए, जब व्यक्तित्व का जोर कम हुआ, मगर फिर इसने वापसी भी की। पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हों, या इंदिरा गांधी, या...
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समाजवाद की संभावना थे सुनील- अरुण कुमार त्रिपाठी
सुनील भाई से जब भी मिला, जहां भी मिला उन्हें एक जैसा ही पाया. वे रंग बदलनेवाले और रंग दिखानेवाले समाजवादी नहीं थे. उन्हें देख कर और याद कर मुक्तिबोध की बौद्धिकों पर व्यंग्य में की कही गयी कविता की पंक्तियां पलट कर कहने का मन करता है. मुक्तिबोध ने आज के बुद्धिजीवियों के लिए कहा था- ‘उदरंभरि अनात्म बन गये, भूतों की शादी में कनात से तन गये, लिया बहुत...
More »रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने का है वक्त - संजीव कुमार
वैश्विक स्तर पर सरकारें औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीन इंडस्ट्रियल पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन एवं खपत की दिशा में अधिक जोर दिया जा रहा है। यह ट्रेंड वैश्विक स्तर पर न केवल विकसित बल्कि विकासशील देशों में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। इसका मकसद जीवाश्म ईंधन के बढ़ते इस्तेमाल से ग्लोबल वार्मिंग की...
More »अप्रैल में दालें महंगी होने का अनुमान
विदेशी असर : म्यांमार में उड़द व अरहर के स्टॉक में कमी से तेजी के संकेत घरेलू सप्लाई प्रतिकूल मौसम से चना व मसूर की घरेलू फसल पर असर आयातित अरहर, उड़द और मूंग कीमतों में तेजी का रुख चालू माह में मूल्य 25 से 50 डॉलर प्रति टन तक बढ़े रबी में दलहन की रिकॉर्ड पैदावार के अनुमान के बावजूद दालों की कीमतों में तेजी की संभावना है। चालू महीने में ही आयातित...
More »अमेरिकी जीएम मक्का की एक और खेप रद्द
रॉयटर्स : बीजिंग... चीन ने जीएम (जेनेटिकली मॉडीफाइड) मक्का की अमेरिका से भेजी एक और खेप नामंजूर कर दी है। जीएम मक्का की ऐसी किस्म की खेप पकड़ी गई थी, जिसे अभी मंजूरी नहीं दी गई है। चीन के आयातक घरेलू बाजार में मक्का बेचने के लिए खेप का इंतजार कर रहे थे। अब उनके सामने सरकारी भंडार से या यूक्रेन से सस्ती मक्का आयात करने का विकल्प बचा है। चीन...
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