SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 521

उत्तराखंड आपदा के लिए हाइड्रो प्रोजेक्ट जिम्मेदारः रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट लगा चुका है रोक उत्तराखंड में पिछले साल आई आपदा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2014 में ही राज्य में कोई भी नई पनबिजली परियोजना शुरू करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद अदालत ने ऐसी परियोजनाओं से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार को...

More »

पहाड़ को इस तरह भी देखिए- रामचंद्र गुहा

चार युवाओं ने 25 मई, 1974 को हिमालय पर एक लंबी पदयात्रा की शुरुआत की। ये चारों उस लोकप्रिय उत्तराखंड आंदोलन के कार्यकर्ता थे, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जिलों को मिलाकर एक पृथक राज्य की स्‍थापना करना था। ये लंबे समय से उपेक्षित रहे जिले थे, जिनका सस्ते श्रम और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर दोहन तो भरपूर हुआ, मगर बदले में अपेक्षित सम्मान के लिए ये हमेशा तरसते रहे।...

More »

प्रतिकूल मौसम से गेहूं की सरकारी खरीद 11%घटने की संभावना- आर एस राणा

चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 में गेहूं की सरकारी खरीद तय लक्ष्य से 11.2 फीसदी घटकर 270-275 लाख टन ही होने की आशंका है। असमय की बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है, साथ ही रोलर फ्लोर मिलर्स, निर्यातकों और स्टॉकिस्टों द्वारा गेहूं की ज्यादा खरीद किए जाने की संभावना है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 में गेहूं की...

More »

उतने बीमार भी नहीं हैं बीमारू राज्य- सुभाष गाताडे

कई बार कुछ सर्वेक्षण ऐसे नतीजे को सामने लाते हैं, जो हमारे सहज बोध से विपरीत जान पड़ते हैं। भारत के मानव विकास सूचकांक के ताजे आंकड़े इसी की मिसाल हैं। योजना आयोग के अंतर्गत कार्यरत इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मैनपावर रिसर्च (आईएएमआर) के हालिया आंकड़े के मुताबिक, ऐसे गरीब कहलाने वाले राज्यों में मानव विकास सूचकांक अब तेजी से राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच रहा है, जहां हाशिये पर पड़े...

More »

पार्टी की राजनीति ने गांव की एकता को तोड़ दिया है : राधा भट्ट

गांधी और उनके ग्राम स्वराज के सपने पर नयी दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष और प्रसिद्ध गांधीवादी राधा भट्ट्र से  पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह ने बातचीत की. प्रस्तुत है  प्रमुख अंश : अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि भारत गांवों का देश है,  देश की प्रगति तभी संभव होगी जब गांवों की प्रगति होगी? लेकिन वास्तविकता के धरातल पर इस चर्चा को कितनी जगह मिल पायी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close