पटना : राज्य में दाल का संकट जस-का-तस बना हुआ है. बाजार में दाल की कमी के कारण इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके बावजूद राज्य में खपत के मुताबिक केंद्र से दाल मिलने की संभावना नहीं है. जून के पहले और अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्रति माह 16,500 टन अरहर दाल की मांग की थी. उधर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार...
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सीताफल के पल्प से मिठाई, छिलके से खाद और बीज से बनेगा शैंपू
धार। ब्यूरो। कृषि विज्ञान केंद्र आदिवासी अंचल के लोगों को सीताफल के उत्पादन के मामले में उद्योग से जोड़ने की कोशिश में है। सीताफल का जब अधिक उत्पादन होता है तो वह औने-पौने दाम में बिक जाता है। ऐसे में अब शहरों में आईसक्रीम, सीताफल शेक और कई मिठाइयों के लिए उसका पल्प तैयार करने की इकाई स्थापित करवाई जाएगी। इतना ही नहीं सीताफल के छिलके को खाद के तौर पर...
More »जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी
सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा। यही नहीं, जूट कारखानों व...
More »उत्पादन नहीं बढ़ा तो रुलाती रहेगी दाल
पटना। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्माण्यम ने रविवार को संकेत दिया कि अगर दाल का उत्पादन नहीं बढ़ा तो इसके दाम नहीं घट पाएंगे। जहां तक टमाटर एवं अन्य खाने की वस्तुओं का प्रश्न है तो यह बाजार से जुड़ी समस्या है। कुछ जगहों पर ये अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाते हैं जबकि कुछ जगहों पर इनकी कमी रहती है। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) की रजत जयंती पर आयोजित...
More »महंगाई का नया दौर--- धर्मेन्द्रपाल सिंह
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने घोषणा कर दी कि चार सितंबर के बाद वे अपना पद छोड़ देंगे। उनके एलान से विदेशी निवेशक चिंतित हैं, उद्योग जगत में निराशा है और शेयर बाजार में घबराहट। राजन का कार्यकाल न बढ़े, इसके लिए कुछ लोगों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा था। देश का केंद्रीय बैंक (आरबीआइ) ही मौद्रिक नीति निर्धारित करता है और फिर उसके माध्यम से...
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