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कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण के मु्ददे पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। इस बीच, वैज्ञानिकों के एक समूह ने एक बहुपक्षीय ढांचे का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव में जेनेटिक संसाधानों से डीएसआई तक पहुंच को लाभ साझाकरण से “अलग” करने...

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गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जो महिलाओं में खून की बहुत ज़्यादा कमी और उनके अति सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) के संपर्क में...

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सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा अनोखा तरीका

डाउन टू अर्थ, 19 दिसंबर केन्या के सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए, बायोरेस्क्यू टीम गंभीर रूप से लुप्तप्राय उप-प्रजातियों के प्रयोगशाला में अंडे और शुक्राणु कोशिकाओं को विकसित करने का काम कर रही है। टीम ने इसे एक मील का पत्थर बताया है, उन्होंने स्टेम सेल से प्राइमर्डियल जर्म सेल उत्पन्न किए हैं जो दुनिया में पहली बार किया गया है। तैंतीस वर्षीय नाजिन और उनकी बेटी फातू...

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बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व में बढ़ता मानव-बाघ संघर्ष और सह-अस्तित्व के रास्ते

मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व है। करीब 900 वर्ग किलोमीटर में फैला वीटीआर बाघ संरक्षण में एक सफल हस्तक्षेप साबित हुआ है। साल 2010 में यहाँ सिर्फ आठ बाघ बचे थे लेकिन 2018 की नेशनल नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी (एनटीसीए) की बाघों की गणना के अनुसार यह संख्या बढ़कर करीब 36 से 42 के बीच हो गई है। इस साल 8 अक्टूबर को वीटीआर...

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सुरक्षा की आड़ में महिला छात्राओं पर प्रतिबंध लगाना ‘पितृसत्ता’ है: केरल हाईकोर्ट

द वायर, 01 दिसंबर केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के महिला छात्रावास में कर्फ्यू पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सुरक्षा की आड़ में इस तरह के प्रतिबंध और कुछ नहीं बल्कि पितृसत्ता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अदालत ने कहा कि पितृसत्ता के सभी रूपों, यहां तक कि वे भी जो लिंग के आधार पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैं, से असहमति व्यक्त की जानी चाहिए. अदालत...

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