भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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डंकन समूह के चाय बागान में एक और मौत
अलीपुरद्वार : रविवार की सुबह एक बार फिर डंकन समूह के चाय बागान में एक श्रमिक की मौत हो गयी. मृत श्रमिक का नाम बेनेडिक्ट डुंगडुंग (56) है. वह वीरपाड़ा चाय बागान के चर्च लाइन का रहने वाला था. परिवार के लोगों ने बताया कि आर्थिक अभाव की वजह से उसका उचित इलाज नहीं कराया जा सका, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गयी. वह...
More »66 लाख की जगह 66 पैसे भी नहीं दिए, पुल का काम रोका
उज्जैन। सिंहस्थ करीब आ गया है और नृसिंह घाट पुल के निर्माण की बाधाएं दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर किसान परिवार ने पुल की दूसरी शाखा की एप्रोच रोड बनाने का काम रोक दिया है। किसान का कहना है मुआवजे के 66 लाख रुपए मिलना है पर अभी तक 66 पैसे भी नहीं दिए, इसलिए काम रोका है। शिप्रा नदी पर नृसिंह घाट के पास...
More »सूखे से बेहाल बुंदेलखंड- भारत डोगरा
उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
More »बेतरतीब विकास से आई आफत - संजय गुप्त
पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान ही चेन्न्ई में बारिश से मची तबाही के कारण आम लोगों के लिए भी जलवायु परिवर्तन और अधिक चिंता का विषय बन गया है। चेन्न्ई के संकट ने यह स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याएं सिर उठा चुकी हैं और उनका सामना करने के अलावा और कोई उपाय नहीं। पेरिस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती...
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