चंबल, मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना जिले में ऐसे 948 गांव हैं, जहां का सामाजिक व आर्थिक ताना-बाना जमीन में पड़ती गहरी दरारों के कारण पूरी तरह से बिखर चुका है। यहां की जमीन का रिकॉर्ड रखना सरकार के बस में नहीं है, क्योंकि पता नहीं कौन-सी सुबह किसका घर, खेत या सड़क बीहड़ की भेंट चढ़ जाए। लगभग 16.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले चंबल संभाग का कोई 20...
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पार हो रही लाखों की इमारती लकड़ी और पकड़ रहे दातून
हेमंत कश्यप, जगदलपुर (ब्यूरो)। एक तरफ बस्तर के वनों का तेजी से सफाया हो रहा है। आए दिन लाखों रुपए की इमारती पार हो रही है। इसे रोकने में विफल रहे वन अधिकारी इन दिनों हाट-बाजारों में दातून जब्त करने में लगे हैं। इधर गुस्साए ग्रामीणों का आरोप है कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बंगलों और घरों के लिए बेश कीमती सागौेन के फर्नीचर-मूर्तियां तैयार किए जा रहे हैं,...
More »फसलों के जहरीले तत्वों पर अब होगा नियंत्रण
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में अब जीन साइलेंसिंग तकनीक पर रिसर्च होगा। इस तकनीक के माध्यम से फसलों के हानिकारक टॉक्सिन्स (जहरीले तत्वों) को दूर किया जाएगा। इससे कुछ हानिकारक तत्वों की वजह से अनुपयोगी कही जाने वाली फसलें उपायोगी हो जाएंगी। अभी इस तकनीक का इस्तेमाल कुछ विकसित देशों में हो रहा है। उल्लेखनीय है कि तिवरा (लाखड़ी) सहित कुछ उपयोगी फसलों को उसमें पाए जाने वाले हानिकारक...
More »डेढ़ करोड़ का पैकेज छोड़ बने किसान, अब विदेशों में एक्सपोर्ट होते हैं इनके अनार
कोलकाता के दीपक गोयल के सिर पर खेती का जुनून ऐसा चढ़ा कि वे सालाना डेढ़ करोड़ रुपए पैकेज की नौकर छोड़ किसान बन गए। दीपक ने खंडवा के बंजारी गांव के पास 100 एकड़ जमीन खरीदी। अनार के पौधे लगाए। छह साल कड़ी मेहनत की। एक-एक पौधे की देखभाल की। अब यह पौधे बेहतर क्वालिटी के अनार उगल रहे हैं। अनार विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है।...
More »विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा
आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
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