यह उन लोगों की कहानियां हैं, जो आजादी, इंसाफ और शांति के साथ जीना चाहते हैं. अपने गांव में खेतों में उगती हुई फसल, अपने जानवरों, अपनी छोटी-सी दुकान और अपने छोटे-से परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं. लेकिन यह चाहना एक अपराध है. अमेरिका, दिल्ली और रांची में बैठे हुक्मरानों ने इसे संविधान, जनतंत्र और विकास के खिलाफ एक अपराध घोषित कर रखा है. उनकी फौजें गांवों...
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दाल-रोटी के लिए हलाल हो रहा बचपन
सिलीगुड़ी [पवन शुक्ल]। बंगाल में गरीबी का लाभ उठाकर मानव तस्कर वहां अपनी पैठ बना चुके हैं। दूरदराज के गांवों की गरीबी और चाय बागानों की बंदी ने यहां के बच्चों के बचपन पर ग्रहण लगा दिया है। पापी पेट के लिए रोजगार की तलाश में भटक रहे बच्चों को खुद ही नहीं पता है कि वह कहां जा रहे हैं और यह भी नहीं जानते घर वापस आने की संभावना...
More »कितना मुफ्त कितना अनिवार्य- विजय विद्रोही
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शिक्षा के अधिकार कानून की वैधानिकता बरकरार रखते हुए देश के हर गरीब बच्चे की उम्मीदें जगाई हैं। शिक्षा के अधिकार को पूरी तरह से कामयाब बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 65 प्रतिशत केंद्र और 35 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करेंगी। जिस देश में छह से चौदह वर्ष तक की उम्र के...
More »झांसा देकर बाहर बेची जा रही हैं झारखंडी बालाऐं
झारखंड ( रांची ) : झारखंड में इधर कुछ दिनों से छोटे-छोटे बच्चों को राज्य से बाहर ले जाकर बेच देने जैसी घटना बढ़ गयी है. बच्चों को काम का झांसा देकर दिल्ली, हरियाणा, मुंबई जैसे बडे शहरों में जोखिम भरे काम कराये जा रहे हैं. जहां इनकी हर तरह से शोषण हो रही है. 25 मार्च की घटना है, दिल्ली के डॉक्टर दंपती ने झारखंड की एक 13 साल की...
More »यूनीफार्म पर हर साल 45 करोड़ खर्च करेगी सरकार
शिमला. प्रदेश में पहली से दसवीं कक्षा तक दी जाने वाली यूनीफार्म के दाम तय कर दिए गए हैं। जो यूनिफार्म छात्रों को मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी, सरकार को उसके दाम चुकाने पड़ेंगे। इसके 124 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। यूनीफार्म गुणवत्ता जांच के लिए टैक्सटाइल इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर की मदद ली जा रही है। यूनीफार्म को उपलब्ध करवाने के लिए सरकार पर सालाना करीब 45 करोड़ रुपए...
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