राज्य का विकास कैसे हो, यह वहां की सरकार की प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है. बिहार विकास के मामले में देश के अन्य राज्यों से पीछे है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव आया है. बिहार और झारखंड को विकास के लिए विशेष दरजा दिया जाना चाहिए. बिहार सरकार की यह मांग जायज भी है, क्योंकि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में संसाधन नहीं के बराबर रह गये. इसके...
More »SEARCH RESULT
नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां- प्रभात पटनायक
जनसत्ता 22 फरवरी, 2014 : यूपीए सरकार और राजग सरकार और यहां तक कि ‘तीसरे मोर्चे’ की अल्पायु सरकार भी आर्थिक नीतियों के मामले में एक जैसी ही रहीं। आज भी, जब चुनावी विकल्प के रूप में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी का शोरशराबा हो रहा है, आर्थिक नीतियों के स्तर पर शायद ही कोई बुनियादी फर्क हो। सच्चाई तो यह है कि मोदी खुद इस बात पर जोर देते...
More »आरक्षण का आधार जाति बनाम आर्थिक
संविधान में आरक्षण का प्रावधान सामाजिक-आर्थिक विषमता को पाटने के उद्देश्य से एक निश्चित अवधि के लिए किया गया था, पर बाद में आरक्षण नीति पर वोट बैंक की राजनीति हावी होती चली गयी. एक बार फिर चुनाव करीब है और आरक्षण के आधार एवं औचित्य पर बहस तेज हो गयी है. इस बहस के विभिन्न पहलुओं को सामने लाने की एक कोशिश. बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर ने कहा था कि...
More »गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी
जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
More »लोकसभा में उठी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
नयी दिल्ली/पटना : शैक्षणिक , औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से बिहार के पिछड़ेपन की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आज लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की. शून्यकाल के दौरान जनता दल यू के शरद यादव ने कहा कि वर्ष 2012 के बजट भाषण में पिछड़े राज्यों के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने की बात कही...
More »