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अयोध्या में जन्मभूमि शिलान्यास के मायने भविष्य के भारत के लिए- नज़रिया

-बीबीसी, साल 1951 से ही इस बहस की शुरूआत हो गई थी, और अब यह बहस एक निर्णायक दौर में पहुँच गई है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद उसके उद्घाटन की तारीख़ रखी गई और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को बुलावा भेजा गया, तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि 'धार्मिक मुद्दों को राष्ट्र के मुद्दों से अलग रखा जाए' और उन्होंने राजेंद्र प्रसाद को...

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प्रवासियों के लिए उठाए गए कदम को सुप्रीम कोर्ट को बताने में विफल रहे 28 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश

-द प्रिंट, 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 45 दिन पहले शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशित तीन मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कानूनों के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए उठाए गए कदमों के विवरण सर्वोच्च न्यायालय को देने में विफल रहे हैं. यह 31 जुलाई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर दर्ज स्वतः संज्ञान मामले पर दायर एक निहितार्थ आवेदन की सुनवाई के दौरान सामने आया था. एनएचआरसी ने यह इंगित...

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कोरोना: बीते 24 घंटों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल सहित विभिन्न नेता संक्रमित पाए गए

-द वायर, बीते चौबीस घंटों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित समेत कई नेता कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह शामिल हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया...

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कोरोना वायरस वैक्सीनः कहाँ तक पहुँची है ज़िंदगी बचाने की जंग

-बीबीसी, क्या आपको मालूम है कि दुनिया में इससे पहले सबसे तेज़ वैक्सीन किस बीमारी के लिए खोजी गई थी. टाइम मैगज़ीन के मुताबिक़ वो बीमारी मम्प्स थी, जिसकी वैक्सीन तैयार करने में वैज्ञानिकों को चार साल का वक़्त लगा था. लेकिन कोरोना महामारी जिस तेज़ी से फैल रही है और जिस रफ़्तार से लोगों की जान ले रही है, उसे देखते हुए इसकी वैक्सीन विकसित करने का काम ऐतिहासिक रूप से...

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आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...

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