जनसत्ता 12 फरवरी, 2014 : हाल में वीरभूम की एक आदिवासी पंचायत ने दूसरे धर्मावलंबी युवक से प्रेम करने के अपराधस्वरूप एक बीस वर्षीय युवती को सामूहिक बलात्कार का दंड दिया। पूरा देश दहल उठा। पंच परमेश्वर के आदेश पर लड़की के आस-पड़ोस के युवा से लेकर पिता की उम्र तक के तेरह लोगों ने उसके साथ सार्वजनिक स्थल पर निर्ममतापूर्वक बलात्कार किया। युवती के परिजन बेबसी के साथ यह...
More »SEARCH RESULT
राहत का अल्पविराम- प्रियंका दुबे
12 नवंबर, 2013 को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद रिहा हुई 36 वर्षीया सोनी सोरी की कहानी जितनी माओवादियों और पुलिस के अत्याचारों के बीच फंसे एक आम आदिवासी की मुश्किलें दिखाती है उतनी ही ‘माओवादी या माओवादी समर्थक’ होने के धुंधले आरोपों के तहत छत्तीसगढ़ की जेलों में न जाने कितने लंबे समय के लिए धकेल दिए गए सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों की त्रासदी भी. माओवादी संघर्ष के...
More »त्वरित और सस्ता न्याय पाने की सुविधा
मित्रों, अदालत, मुकदमा और पुलिस को लेकर अनेक कहावतें और लोकोक्तियां प्रचलित हैं. इन सभी कहवतों और लोकोक्तियों में इन्हें तबाही और परेशानी का सबब बताया गया है, जबकि अगर पुलिस, अदालतें और मुकदमे दायर करने के जनता को अधिकार न हों, तो समाज में अराजकता अपनी पराकाष्ठा पर होगी. हम सुरक्षित नहीं रह सकते. हमारे मानवीय अधिकारों की रक्षा नहीं हो सकती. हर कोई अपनी ताकत और धन की बदौलत...
More »बिहार में फिर एक 'अँखफोड़वा कांड'- मनीष शांडिल्य
बिहार के सुपौल जिले के हांसा गांव में चोरी के आरोप में पकड़े गए एक युवक की आंखों में 'तेजाब' डाले जाने का मामला सामने आया है। ये घटना मंगलवार रात की है जिसमें रंजीत सादा नाम के युवक के साथ ये घटना पेश आई। घटना जिले के किसनपुर थाना अंतर्गत थरबिट्टा कोसी बांध क्षेत्र की है। प्राप्त सूचना के अनुसार मंगलवार रात चोरी के आरोप में पकड़े गए महादलित समुदाय के...
More »सशक्त राज्य में अशक्त स्त्री- विकास नारायण राय
जनसत्ता 28 जनवरी, 2014 : महिलाओं के विरुद्ध होने वाले यौन अपराधों से निपटने के उपायों और तौर-तरीकों को लेकर सामाजिक-सांस्कृतिक ही नहीं,काफी कानूनी विभ्रम भी हैं। कठोरतम दंड-प्रावधानों के साए में, देश की अपराध-न्याय व्यवस्था आसाराम और तेजपाल के आचरण में भेद नहीं कर पा रही है; पुलिस और अदालती कार्यवाही में दोनों को एक समान ही निपटाया जा रहा है। यौनिक दुराचरण के आरोपी जजों की ओर से...
More »