गुवाहाटी/अगरतला/इम्फाल: नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 को लेकर उत्तर पूर्व के विभिन्न राज्यों विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में बीती 30 जनवरी को असम आंदोलन में लड़ते हुए जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों ने विधेयक का विरोध करते हुए राज्य सरकार द्वारा सम्मान के तौर पर दिए गए स्मृति चिह्न लौटा दिए. वहीं त्रिपुरा के आदिवासी नेता राजेश्वर देब बर्मा ने राज्य के मूल निवासियों के विकास को...
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कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी बिना कर बढ़ाए संभव ही नहीं- योगेन्द्र यादव
वादे की शक्ल में एक बड़ी बात 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सामने आ चुकी है- राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी की बात कही है. अभी तक चुनावी माहौल खोखली और शोरगुल से भरी टकराहटों के मार्फत बनता दिख रहा था- पिछले कुछ सालों में हम ऐसी टकराहटों के साक्षी बने हैं. याद करें: ऐन आखिर के लम्हे को वह चतुर-बौराहट भरी पहलकदमी जिसमें गरीब अगड़ी जातियों को...
More »खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे
हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...
More »त्रिपुरा में 98 ईसाई क्यों बन गए हैं हिन्दू?: ग्राउंड रिपोर्ट
"हम बहुत तकलीफ में जीवन गुजार रहें है. चाय बागान बंद हो गया है. पति घर पर बेकार बैठे हुए हैं. मेरी बड़ी बेटी मानसिक रोगी है. बेटी के इलाज के लिए हमारे पास एक फूटी कौड़ी तक नहीं है. लेकिन लोग केवल हमारे धर्म के बारे में ही बात करने आते हैं." 28 साल की मंगरी मुंडा धीमी आवाज़ में मुझसे ये बातें कहते हुए कुछ देर के लिए खामोश...
More »जब सोच बदलेगी तो खिलेंगी बेटियां-- रमा गौतम
हमारा समाज बेशक आज मार्डन हो गया है। समाज के लोग यही कहते है कि हमने आज तक बच्चों में कोई फर्क नहीं किया और हमारे लिए तो बेटा-बेटी एक समान हैं। मगर, वास्तविकता कुछ और ही होती है। लड़कों के मामले में हम बहुत खुले विचार रखते हैं। मगर, लड़की की बात आते ही कहीं न कहीं हमारी सोच थोड़ी सिकुड़ जाती है, इसी के चलते सृष्टि को आगे...
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