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कोरोना वायरस : WHO की चेतावनी के बावजूद भारत ने नहीं किया सुरक्षा सामग्री का भंडारण

-मीडियाविजिल,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर 22 मार्च को भारत के 130 करोड़ लोगों ने “जनता कर्फ्यू” में भाग लिया. इस बीच स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मास्क, गाउन और दस्ताने जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट या पीपीई का भंडारण करने में सरकार विफल रही. 18 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील करते हुए मोदी ने लोगों से अपनी-अपनी बालकनी से थाली और ताली बजाकर स्वास्थ्य कर्मचारियों की हौसला अवजाई करने को...

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सुकमा मुठभेड़ में मारे गये 17 जवानों में से 16 छत्तीसगढ़ के ही आदिवासी हैं!

-मीडियाविजिल, देश भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या अब तक कुल 9 है लेकिन छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एल्मागुड़ा के करीब शनिवार दोपहर को माओवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गये पुलिसवालों की संख्या 17 है। इन मौतों पर कहीं चर्चा नहीं है। विडम्बना है कि इन 17 में से 16 लाशें आदिवासियों की हैं और सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले निचले दरजे के पुलिसकर्मी हैं। शुरुआती रिपोर्टों...

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कोरोना वायरस: किन हालात में काम कर रहे हैं भारतीय डॉक्टर

-बीबीसी, सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर ऐसे तमाम दावे लगातार किए जा रहे हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट नहीं मिल रही है. लखनऊ के राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट में काम करने वालीं शशि सिंह का वीडियो भी सोशल मीडिया पर हज़ारों लोगों ने शेयर किया है. इस वीडियो में वो शिकायत करती सुनी जा सकती हैं कि नर्सों को बेसिक ज़रूरी चीज़ें नहीं मिल रही हैं. "उनके पास एन95 मास्क नहीं...

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क्या-क्या करें भारतीय पत्रकार कोरोना वायरस से बचाव के लिए

-न्यूजलॉन्ड्री, आने वाले दिनों में मीडिया कंपनी के मालिक और सम्पादक कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरों को कवर करने के लिए रिपोर्टरों को भेजेंगे. रिपोर्टरों को ऐसे वक्त में फील्ड में उतरने से पहले क्या तैयारियां और ऐहतियात बरतना चाहिए: 1. ऐहतियात बरतने से ही बचाव संभव है. मास्क पहनिए और जैसे ही ये गीला हो जाए इसको बदल दी जिये. इसमें लगे इलास्टिक बैंड से इसको छूएं और सीधे-सीधे मास्क को...

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तीसरी दुनिया: भूटान के डेढ़ लाख हिंदू शरणार्थियों की उपेक्षा में छुपा है CAA का पाखण्ड

-मीडियाविजिल, तीसरी दुनिया यानी एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देश जिनकी खबरें 1980 के दशक के बाद से ही बड़े सुनियोजित ढंग से हाशिए पर पहुंचती चली गईं। सारा स्पेस विकसित देशों ने ले लिया- बेशक, तीसरी दुनिया के देशों के अंदर ‘पहली दुनिया’ के जो छोटे-छोटे टापू थे उनके बाशिंदों को भी थोड़ी बहुत जगह मिलती रही। आज हम स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि अमेरिका सहित विकसित...

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